
MP में नवंबर की ठिठुरन ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
|इंदौर में 25 साल और भोपाल में 10 साल का न्यूनतम तापमान पार
उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के कारण नवंबर के पहले सप्ताह में ही मध्यप्रदेश में तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई। इंदौर में पिछले 25 साल और भोपाल में 10 साल का न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड टूट गया।बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान भोपाल में 8.4 डिग्री और इंदौर में 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम आंकड़ा है।
इंदौर-ग्वालियर में तेज गिरावट, भोपाल में भी पारा लुढ़का
इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल संभाग में तापमान में 3.2 से 3.4 डिग्री की गिरावट देखी गई, जबकि भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और सागर में तापमान 1.6 से 2.7 डिग्री तक गिरा।
राजगढ़ सबसे ठंडा रहा
शुक्रवार-शनिवार रात को राजगढ़ और गिरवर (शाजापुर) सबसे ठंडे स्थान रहे, जहां तापमान 7.4 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 7.6 डिग्री और भोपाल में 8.4 डिग्री दर्ज हुआ।हालांकि, 1938 का रिकॉर्ड अभी भी कायम है, जब इंदौर का तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
भोपाल में 10 साल का दूसरा सबसे कम तापमान
विज्ञान केंद्र भोपाल के वैज्ञानिक अरुण शमोण ने बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह में भोपाल का तापमान 8.4 डिग्री रहा, जो पिछले 10 वर्षों में दूसरा सबसे कम तापमान है।ग्वालियर में 10.5 डिग्री, उज्जैन में 10.4 डिग्री, जबलपुर में 12.2 डिग्री और राजगढ़ में 7.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
चक्रवाती परिसंचरण और बर्फबारी का असर
अरुण शमोण ने बताया कि वर्तमान में एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में सक्रिय है, जबकि एक अन्य परिसंचरण उत्तरी हरियाणा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बना हुआ है।इसके साथ ही पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिसका असर अगले सप्ताह मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा।उन्होंने कहा कि अगले 5 दिनों तक प्रदेश में मौसम साफ रहेगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की और गिरावट आने की संभावना है।
कोहरे की चादर में लिपटी राजधानी
भोपाल में शनिवार सुबह स्मार्ट सिटी रोड पर घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। सुबह-सुबह ठंडी हवाओं के साथ सर्दी का अहसास और बढ़ गया।