
मध्यप्रदेश में 800 से ज्यादा रसूखदारों के पास 2 से ज्यादा हथियार
|केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का पालन प्रदेश के जिलाधीश नहीं करा पा रहे हैं।
राज्य गृह मंत्रालय ने 3 अक्टूबर तक हथियार सरेंडर कराने के निर्देश दिए थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकों को अधिकतम 2 शस्त्र लाइसेंस रखने की पात्रता निर्धारित कर दी है। यदि किसी के पास 2 से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं, तो अतिरिक्त शस्त्र को सरेंडर करना होगा। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए थे। इसके पालन में राज्य गृह मंत्रालय ने सितंबर में सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर 3 अक्टूबर तक 2 से अधिक शस्त्र लाइसेंस को निलंबित करने के निर्देश दिए, लेकिन मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों के कलेक्टर इस आदेश का पालन नहीं करा पा रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश में आज भी 800 लोग ऐसे हैं जिनके पास 2 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस हैं।
यूआईएन पोर्टल पर भी अपलोड नहीं
मध्यप्रदेश की गृह सचिव कृष्णावेणी देशावतु ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि जिनके पास 2 से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं, उन्हें निरस्त किया जाए। साथ ही हर शस्त्र लाइसेंस का पोर्टल पर UIN (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) पंजीकरण करना अनिवार्य है। बिना UIN के शस्त्र अवैध माने जाएंगे। वर्तमान में कलेक्टर शस्त्र लाइसेंसों को पोर्टल पर भी अपलोड नहीं करवा पा रहे हैं।
रसूखदारों के पास सबसे ज्यादा शस्त्र
जिन लोगों ने 2 से अधिक लाइसेंस होने के बाद भी निलंबित नहीं किए हैं, उनमें लगभग सभी रसूखदार हैं। कुछ राजनीतिक क्षेत्र से हैं, कुछ व्यवसायी और कुछ प्रशासनिक अधिकारी हैं। प्रदेश में भिंड जिले में सबसे ज्यादा 116 लोगों के पास 2 से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं, जबकि भोपाल में 114 लोगों ने 2 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस होने के बावजूद निलंबन नहीं कराया। इन दोनों जिलों के कलेक्टर रसूखदारों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
इसके अलावा ग्वालियर, इंदौर, छतरपुर, जबलपुर, मुरैना, सागर, रतलाम, उज्जैन और दमोह जिले में भी रसूखदारों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का पालन नहीं किया। 22 सितंबर की स्थिति में 913 लोगों के पास पात्रता से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस थे, जो वर्तमान में घटकर 800 रह गए हैं।
जिलेवार स्थिति
2 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस रखने में भिंड जिला सबसे आगे है (116 लोग), ग्वालियर में 112, भोपाल में 114, इंदौर में 85, जबलपुर में 58, छतरपुर में 41, उज्जैन में 33, मुरैना में 30, सागर में 29, रतलाम में 28, छिंदवाड़ा में 14, दमोह में 10 और शिवपुरी में 7 लोग हैं। अन्य जिलों में लोग 2 से अधिक शस्त्र रख रहे हैं, लेकिन संख्या कम है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार 2 से ज्यादा शस्त्र होने की स्थिति में लाइसेंस निलंबित कर शस्त्र अवैध घोषित किए जाने चाहिए, लेकिन प्रदेश के किसी भी कलेक्टर ने रसूखदारों के हथियारों को अवैध नहीं माना है।