
ब्रेन-डेड मरीज के अंगदान से मिली नई जिंदगी
|एम्स भोपाल में तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण
एम्स भोपाल ने उन्नत चिकित्सा क्षमता और टीमवर्क का एक और बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपना तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण पूरा किया है। यह हृदय एक ब्रेन-डेड मरीज से प्राप्त किया गया, जिसके परिजनों ने अंगदान को मंजूरी देकर मानवता की मिसाल पेश की और एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को जीवन का दूसरा अवसर दिया। अस्पताल की कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) टीम ने कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया।
प्रत्यारोपण टीम में डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. एम. किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल रहे। कार्डियोलॉजी विभाग से डॉ. भूषण शाह और डॉ. सुदेश प्रजापति ने महत्वपूर्ण चिकित्सकीय भूमिका निभाई।
ऑपरेशन कई घंटों तक चला
कार्डियक एनेस्थीसिया की जिम्मेदारी डॉ. पूजा, डॉ. हरीश और डॉ. नागभूषणम ने संभाली, जबकि पूरी प्रक्रिया का समन्वय और मॉनिटरिंग डॉ. वैशाली वेंडेस्कर ने की। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, ऑपरेशन कई घंटों तक चला और मरीज की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
संस्थान के लिए गर्व का क्षण: डॉ. माधवानंद कर
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने इस सफलता को संस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि उन्नत हृदय प्रत्यारोपण जैसी जटिल प्रक्रिया का लगातार सफल होना, एम्स भोपाल की बढ़ती विशेषज्ञता, अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रशिक्षित मेडिकल टीम की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने अंगदान करने वाले परिवार के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे फैसले कई जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होते हैं।