मध्यप्रदेश
एमपी में नगरपालिका-परिषद अध्यक्षों के चुनाव डायरेक्ट होंगे: राइट-टू-रिकॉल अब तीन साल किया
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एमपी में नगरपालिका-परिषद अध्यक्षों के चुनाव डायरेक्ट होंगे: राइट-टू-रिकॉल अब तीन साल किया

Swadesh Bhopal
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2 Dec 2025 2:27 PM IST

विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित

एमपी में नगरपालिका-परिषद अध्यक्षों के चुनाव डायरेक्ट होंगे विधानसभा में नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 पारित पारित हो गया।मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पहले ढाई साल राइट टू रिकॉल के लिए तय था।अब इसे 3 साल कर दिया गया है। जनता अब जनप्रतिनिधि को तीन साल बाद ही बापस कर सकेगी। विधेयक को लेकर विरोध पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होने कहा कि राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने का कानून दिग्विजय सिंह सरकार ने लागू किया था, जिसमें संशोधन आया है।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विरोध नहीं किया है, विधेयक में सुधार के लिए कहा है। डेमोक्रेसी की मजबूती के लिए राइट टू रिकॉल का समय 5 साल की बजाय तीन साल का तय किया गया है। इसके बाद नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया।सदन कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को चक्कर आ गया। सीएम ने उन्होंने देखा कि कंसाना बेहोश हैं। वे तुरंत कंसाना के पास गए। कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस विधायक तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे। जिनमें खेतों में फसलों की स्थिति को दिखाई गई।राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने किसानों के भारी बारिश से हुए नुकसान को लेकर बताया कि 2 हजार 68 करोड़ रुपए राहत राशि किसानों को दी गई है। कांग्रेस का काम ही प्रदर्शन करना है।

नर्मदा किनारे से आदिवासियों को हटाने पर सवाल

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सेना पटेल ने ग्रामीण आदिवासियों को आलीराजपुर जिले में नर्मदा किनारे से आदिवासियों को हटाने का मामला उठाया। इस पर वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि किसी भी आदिवासी को जबरन नहीं हटाया जाएगा।

गैलरी में बैठने पर स्पीकर की आपत्ति

विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कुछ विधायकों के गैलरी में बैठने पर आपत्ति जताई और अपने ही स्थान पर बैठने का आग्रह किया। कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम आदिवासियों के पलायन का प्रश्न पूछने के बाद गैलरी में बैठ गए थे।

सत्र की अवधि छोटी होने का विरोध

शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से 5 दिसंबर तक बुलाया गया है। 3 दिसंबर की छुट्‌टी होने से सदन की सिर्फ चार ही बैठकें हो रही हैं। इसका कांग्रेस विधायकों ने विरोध किया हैं।

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