
मोहन सरकार ने निरस्त की सिंहस्थ लैंड पूलिंग योजना
|उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से लागू की जाने वाली लैंड पूलिंग योजना से संबंधित 19 नवंबर 2025 को जारी आदेश को प्रदेश सरकार ने पूरी तरह निरस्त कर दिया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मंगलवार देर रात जारी निरस्तीकरण आदेश में स्पष्ट किया गया है कि विभाग द्वारा 19 नवंबर को जारी आदेश में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत प्रस्तावित नगर विकास स्कीम क्रमांक 8, 9, 10 एवं 11 को अधिनियम की धारा-52 (1) (ख) के प्रावधान का उपयोग करते हुए उपांतरित (संशोधित) किया गया था।
उक्त आदेश को अब पूर्ण रूप से निरस्त किया जाता है। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि लोकहित में उज्जैन विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित नगर विकास स्कीम को प्रतिसंहरित कर पूर्णतः निरस्त किया जाता है। साथ ही इस आदेश को राजपत्र में प्रकाशित कराए जाने का भी उल्लेख किया गया है।
कालूहेड़ा ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
उज्जैन उत्तर से विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लैंड पूलिंग योजना को लेकर पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में कहा था कि वे अब किसानों के साथ हैं और 26 दिसंबर को होने वाले किसान आंदोलन में उपस्थित रहकर समर्थन देंगे। इस पत्र की प्रतिलिपि उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद को भी भेजी थी।
किसान संघ ने किया फैसले का स्वागत
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि लैंड पूलिंग प्रस्ताव का निरस्त किया जाना स्वागत योग्य है। हालांकि अब टीएनसीपी से इसके नक्शे निरस्त कराकर पुराने स्वरूप में लाना होगा। इसके अलावा उज्जैन विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में भी सरकार को इसे निरस्त कराना पड़ेगा।
जाने क्या है लैंड पूलिंग एक्ट
लैंड पूलिंग एक्ट के तहत सरकार किसानों से जमीन लेकर उसे विकसित करती है और बाद में उसी क्षेत्र में विकसित प्लॉट या भूमि का हिस्सा वापस देती है। सरकार का दावा था कि इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और शहर का सुनियोजित विकास होगा, लेकिन उज्जैन में यह मॉडल किसानों के भरोसे पर खरा नहीं उतर सका।