
मॉडल खुशबू की मौत का मामला: सीएम हेल्पलाइन व मानवाधिकार आयोग तक पहुंची शिकायत
|भोपाल खजूरी सड़क क्षेत्र में मॉडल खुशबू अहिरवार की संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जांच से असंतुष्ट परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर आरोपी कासिम अहमद को बचाने की कोशिश कर रही है।
इसी बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। परिवार का कहना है कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हत्या से संबंधित धाराएँ लगाई जाएँगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा, छोला मंदिर थाना पहुँचने पर केवल गाली-गलौज, मारपीट, धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम और एट्रोसिटी एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया। परिजनों का आरोप है कि यह जानबूझकर किया गया ताकि कासिम पर गंभीर आरोप न लग सकें।
वर्तमान में खजूरी सड़क थाना प्रभारी, राज्य पुलिस सेवा की परीवीक्षाधीन अधिकारी दिव्या, सीएम हेल्पलाइन 181 और जन-सेतु के माध्यम से उच्च अधिकारियों से इस मामले पर चर्चा कर रही हैं।
मूल जानकारी
खुशबू भोपाल के छोला मंदिर क्षेत्र में रहती थीं और मॉडलिंग करती थीं। मूलतः वह विदिशा जिले के मंडी बामोरा की रहने वाली थीं। उनकी पहचान बाद में कासिम से हुई, जो दुबई में काम करने के बाद भोपाल में कैफे चलाता था। दोनों पिछले तीन-चार महीनों से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। 9 नवंबर की रात तबीयत बिगड़ने पर कासिम ने उन्हें बस से उतारकर चिरायु अस्पताल ले गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।
मानवाधिकार आयोग की सख्ती
परिवार ने आयोग में भी शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद सदस्य प्रियंक कानूनगो ने 13 नवंबर को नोटिस जारी कर पुलिस कमिश्नर से सफाई मांगी।
क्या था मामला
10 नवंबर को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुशबू के गर्भवती होने और फैलोपियन ट्यूब फटने से मौत होना बताया गया। इसके बाद 11 नवंबर की रात जीरो पर मुकदमा दर्ज कर केस छोला मंदिर थाने भेजा गया। बजरंग दल और परिजनों ने थाने का घेराव कर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की। खजूरी सड़क पुलिस का कहना है कि ब्लड, डीएनए और विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।परिवार का आरोप है कि कासिम अहमद ने खुद को 'राहुल' बताकर खुशबू से दोस्ती की और उसे बुर्का पहनने, हिजाब में रहने और इस्लाम स्वीकार करने के लिए दबाव डाला।