
मप्र की विधानसभा की वेबसाइट पर बड़ी गलती राजमाता विजयाराजे सिंधिया बनीं ‘भूतपूर्व मुख्यमंत्री’!
|मप्र के मुख्यमंत्रियों को लेकर मप्र विधानसभा की वेबसाइट पर गलत जानकारी अपलोड की गई है। 1 नवम्बर 1956 के बाद से 16वीं विधानसभा तक राज्य में डॉ. मोहन यादव 19 वें मुख्यमंत्री हैं, जबकि मप्र विधानसभा की वेबसाइट उन्हें प्रदेश का 20वां मुख्यमंत्री बता रही है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि वेबसाइट पर स्व. श्रीमती विजयाराजे को भी मप्र का 5वां मुख्यमंत्री दर्शाया गया है, जबकि वे मप्र की मुख्यमंत्री नहीं रही हैं।
वेबसाइट पर एक साल 8 महीने का दिखाया कार्यकाल
वेबसाइट पर दर्शाई गई पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्रियों/सदन के नेताओं की सूची में स्व. श्रीमती विजयाराजे सिंधिया का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल एक साल 8 महीने दर्शाया गया है। वेबसाइट के अनुसार 30 जुलाई 1967 को चतुर्थ विधानसभा के दौरान वे मप्र की मुख्यमंत्री बनीं और 25 मार्च 1969 तक वे इस पद पर रहीं। खास बात यह है कि चतुर्थ विधानसभा के दौरान 30 जुलाई 1967 से ही गोविंद नारायण सिंह को भी मुख्यमंत्री बताया गया, लेकिन उनका कार्यकाल 12 मार्च 1969 तक दर्शाया गया है।
भूतपूर्व मुख्यमंत्री के रूप में बताया परिचय
(भूतपूर्व मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश)
श्रीमती विजयाराजे सिंधिया
चतुर्थ विधान सभा (1967-1972)
(दिनांक 30.07.1967 से 25.03.1969 तक)
वेबसाइट पर भूतपूर्व मुख्यमंत्री के रूप में स्व. विजयाराजे सिंधिया का सूची में नाम ही नहीं दिया गया है बल्कि अन्य पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्री की तरह उनका भी संक्षिप्त जीवन परिचय अपलोड है। इसमें उनके जन्म की तिथि 12 अक्टूबर 1919 से लेकर उनके निधन 25 जनवरी 2001 के बीच उनकी शिक्षा, विवाह, शिक्षा-दीक्षा को भी बताया गया है।
अधिकारियों ने मानी गलती
G विधानसभा की वेबसाइट पर कोई जानकारी गलत अपलोड है अथवा आद्यतन नहीं हुई है तो उसे तुरंत ही सुधारा जाएगा। आपने बताया तो मैंने भी सूची चेक की है। मुख्यमंत्री ओब्लिक सदन के नेता दिया गया है। सदन का नेता ही मुख्यमंत्री होता है, फिर ऐसा क्यों और किसके द्वारा कराया गया। सोमवार को मैं दिखवाता हूं, गलत जानकारी होगी तो इसे ठीक कराएंगे।