
हर महीने मप्र छोड़ रहे आईएएस
|लोकसभा चुनाव के बाद डेढ़ दर्जन अधिकारियों ने पकड़ी दिल्ली की राह, कई अभी भी कतार में
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने का ट्रेंड बढ़ गया है। औसतन हर महीने एक आईएएस अधिकारी मध्य प्रदेश छोड़ रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक डेढ़ दर्जन अधिकारी मप्र छोड़ चुके हैं, जबकि कई अधिकारी दिल्ली जाने के लिए कतार में हैं। नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के कार्यकाल में अक्टूबर 2024 से अब तक 9 आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। इनमें युवा आईएएस की संख्या अधिक है। कुछ अधिकारी अभी भी प्रतिनियुक्ति के इंतजार में हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के अनुसार मप्र में 2024 बैच तक कुल आईएएस अधिकारियों की संख्या 391 है। इनमें से 45 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। सबसे लंबे समय से 1990 बैच की अल्का उपाध्याय अक्टूबर 2016 से दिल्ली में पदस्थ हैं। वे 6 महीने बाद मार्च 2026 में सेवानिवृत्त होंगी। हाल ही में 2009 बैच के अविनाश लवानिया के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का आदेश जारी हुआ है।
क्यों छोड़ रहे हैं राज्य?
सचिव बनने से पहले राज्यों में मैदानी पदस्थापना ही प्रमुख मानी जाती है। मंत्रालय या मुख्यालय में उपसचिव, अपर सचिव या एमडी की जिम्मेदारी मिलती है। कुछ अधिकारी राज्य में अच्छी पदस्थापना नहीं मिलने के कारण दिल्ली की राह पकड़ रहे हैं, जबकि कुछ प्रतिनियुक्ति की अनिवार्यता की वजह से दिल्ली जा रहे हैं। जो अधिकारी प्रतिनियुक्ति के लिए कतार में हैं, उनमें से कई को राज्य में मनचाही पदस्थापना नहीं मिली है।
8 अधिकारी पीएमओ से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक के निजी सचिव
मप्र कैडर के 8 अधिकारी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के निजी सचिव के रूप में पदस्थ हैं। तेजस्वी नायक—भारी उद्योग मंत्री डी. कुमारस्वामी, विजय दत्ता—ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, नीरज सिंह—आईजी मंत्री जितिन प्रसाद, पंकज जैन और विक्की कार्तिकेय—कोयला एवं खान मंत्री जी. कृष्ण रेड्डी, हर्ष दीक्षित—केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, प्रवीण कुमार अध्यक्ष—कृषि एवं पंचायत मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निजी सचिव हैं। जबकि चंद्रमोहन ठाकुर प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव के रूप में पदस्थ हैं।
प्रतिनियुक्ति से वापस आने वाले अधिकारियों की संख्या बेहद कम है। एक साल के भीतर केवल 3 अधिकारी—विशेष गढ़पाले (2008), आशीष भार्गव और रूही खान—ही कैडर राज्य में लौटे हैं। GAD के अनुसार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए सेवाकाल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अब अनिवार्य हो गई है। यह प्रतिनियुक्ति 3 या 5 वर्ष की होती है, जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है। दो वर्ष तक डायरेक्टर के तौर पर काम करना जरूरी होता है। इसके बाद ही उन्हें जॉइंट सेक्रेटरी के लिए एम्पैनल किया जाता है।
391 में से 45 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ
कब किसने छोड़ा कैडर राज्य – अधिकारी और प्रतिनियुक्ति की तिथि
निकुंज श्रीवास्तव (1998) – अगस्त 2024
पवन शर्मा (1999) – अगस्त 2024
अजीत कुमार (2002) – अगस्त 2024
ज्ञानेश्वर पाटिल (2003) – मई 2024
श्रीमती अनुग्रह पी (2011) – सितंबर 2024
विक्की कार्तिकेय (2012) – अगस्त 2024
हर्ष दीक्षित (2013) – अगस्त 2024
श्रीमती प्रियंका दास (2009) – मार्च 2025
तरुण पिथोड़े (2009) – सितंबर 2024
श्रीमती प्रीति मैथिल (2009) – अक्टूबर 2025
श्रीमती तन्वी सुद्रियाल (2010) – अगस्त 2025
नीरज सिंह (2012) – सितंबर 2025
पंकज जैन (2012) – मार्च 2025
प्रवीण अध्याक्ष (2012) – मार्च 2025
चंद्रमोहन ठाकुर (2013) – अक्टूबर 2024
श्रीमती सूफिया फारूखी (2009) – अक्टूबर 2025
अविनाश लवानिया (2009) – जल्द रिलीव होंगे