
MP High Court
DIG मयंक अवस्थी को अदालत से फटकार: हाई कोर्ट ने कहा - क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं? 5 लाख क्षतिपूर्ति का आदेश
|मध्यप्रदेश। हाई कोर्ट ने DIG, PHQ मयंक अवस्थी को फटकार लगाई है। अदालत ने DIG मयंक अवस्थी के खिलाफ 5 लाख क्षतिपूर्ति का आदेश देते हुए कहा कि, क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं ? हाई कोर्ट ने मयंक अवस्थी द्वारा की गई जांच में अनियमितता पाए जाने अवमानना कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
दरअसल, मयंक अवस्थी द्वारा ग्वालियर में हुए एक मर्डर केस में कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन से जुड़ी जानकारी छिपाई गई थी। जानकारी छिपाए जाने पर अदालत ने DIG, PHQ मयंक अवस्थी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए हैं। आरोप है कि, दतिया एसपी रहते हुए मयंक अवस्थी ने ट्रायल कोर्ट को झूठी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि, डेटा सुरक्षित रखा गया है जबकि बाद में पुलिस द्वारा ही बताया गया कि, वे डाटा सहेजना भूल गए।
मर्डर केस में आरोपी मानवेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। इस याचिका में बताया गया था कि, पुलिस द्वारा उसे इस केस में झूठा फंसाया गया है। पुलिस द्वारा ही उसके फ़ोन का जरूरी डाटा नष्ट किया गया। एसपी को 17 सितंबर 2018 को रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की जानकारी दी गई थी।
पूरे मामले को सुनने के बाद अदालत ने डीआईजी से सवाल किया कि, क्या ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने योग्य हैं और क्या ऐसे अधिकारी को फील्ड पोस्टिंग दी जा सकती है। अदालत के आदेश के बाद डीआईजी को 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में जमा करने होंगे।