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Pardeep Narwal

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Pardeep Narwal: कबड्डी के 'डुबकी किंग' ने लिया संन्यास, 2025 के ऑक्शन में नहीं मिला था कोई खरीदार

Rashmi Dubey
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3 Jun 2025 4:36 PM IST

Pardeep Narwal Announced Shocking Retirement: प्रो कबड्डी लीग के सबसे सफल खिलाड़ियों में शुमार प्रदीप नरवाल ने कबड्डी से संन्यास लेने का ऐलान कर खेल जगत को चौंका दिया है। 28 वर्षीय नरवाल ने यह फैसला पीकेएल सीजन 12 की नीलामी में किसी टीम द्वारा न खरीदे जाने के बाद लिया है। अब वह खिलाड़ी के बजाय कोच के तौर पर कबड्डी के मैदान में अपनी भूमिका निभाएंगे। प्रदीप ने यह घोषणा खेल बॉडकास्टर सुनील तनेजा के साथ एक लाइव वीडियो में की। उन्होंने पटना पाइरेट्स को तीन बार चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही यूपी योद्धा और बेंगलुरु बुल्स के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया है।

प्रो कबड्डी के ‘रेड किंग’ प्रदीप नरवाल का संन्यास

प्रो कबड्डी लीग के सबसे बेहतरीन और प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक प्रदीप नरवाल ने प्रति मैच 9.47 रेड पॉइंट की औसत से कुल 1801 रेड पॉइंट हासिल कर इतिहास रच दिया है। उनकी यह सफलता कबड्डी प्रेमियों के लिए बड़ा झटका साबित हुई है। उन्होंने पीकेएल 12 की नीलामी में अनसोल्ड रहने के बाद संन्यास लेने का फैसला किया। प्रदीप ने अपने खेल से युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने। उन्होंने लाइव वीडियो में बताया कि अब वह कोचिंग के क्षेत्र में अपनी नई भूमिका निभाएंगे।

प्रदीप नरवाल की प्रो कबड्डी में उपलब्धियां

प्रदीप नरवाल ने अपने करियर में कई टीमों के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने पटना पाइरेट्स के साथ पांच सीजन खेले जिनमें टीम ने लगातार तीन बार प्रो कबड्डी लीग का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद सीजन 8 में वह यूपी योद्धास में शामिल हुए। 28 वर्षीय नरवाल पीकेएल के इतिहास के सबसे सफल रेडर हैं, जिन्होंने कुल 1801 रेड पॉइंट्स हासिल किए। पिछले चार सीजन में यूपी योद्धास और बेंगलुरु बुल्स के साथ खेलने के दौरान उन्हें लीग के टॉप पांच रेडरों में जगह बनाने में कुछ संघर्ष करना पड़ा।

प्रदीप नरवाल अब कोचिंग में बनाएंगे करियर

अपने शानदार करियर में कई रिकॉर्ड बनाने वाले प्रदीप नरवाल ने टीम को मुश्किल हालातों से निकालने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी रेडिंग स्किल्स की हर कोई तारीफ करता है। अब प्रदीप ने कोचिंग की राह अपनाने का फैसला किया है। उनका लक्ष्य युवा खिलाड़ियों को कबड्डी के गुर सिखाकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाना है। उनका मानना ​​है कि अपने अनुभव से वह नए खिलाड़ियों को खेल में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।

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