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धर्म दर्शन
महाशिवरात्रि से कितनी अलग है सावन शिवरात्रि, जानिए इनके बीच का अंतर
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Sawan 2025: महाशिवरात्रि से कितनी अलग है सावन शिवरात्रि, जानिए इनके बीच का अंतर

Deepika Pal
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21 July 2025 7:55 PM IST

कहते है कि, सावन के महीने में भगवान शिव का ध्यान करने से सारे काम पूरे होते है। सावन में सोमवार के दिन का महत्व होने के साथ ही शिवरात्रि की पूजा का भी महत्व होता है।


Sawan 2025: सावन का महीना चल रहा है जो भगवान शिव के पावन महीने में से एक होता है। कहते है कि, सावन के महीने में भगवान शिव का ध्यान करने से सारे काम पूरे होते है। सावन में सोमवार के दिन का महत्व होने के साथ ही शिवरात्रि की पूजा का भी महत्व होता है। आखिर महाशिवरात्रि से यह सावन की शिवरात्रि कितनी अलग है और क्या है पूजा का विधान चलिए जानते है...

भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित

आपको बताते चलें कि, सावन की शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों में ही भगवान शिव की आराधना की जाती है।महाशिवरात्रि साल में एक बार मनाई जाती है,जबकि सावन शिवरात्रि सावन के महीने में आती है। इसके अलावा महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। वहीं पर सावन शिवरात्रि में भगवान शिव की आराधना का अर्थ बताया जाता है, कहते हैं कि, सावन शिवरात्रि को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।

जानिए खास तिथि

आपको यहां पर महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि की तिथि के बारे में जानकारी देते है। महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। वहीं पर सावन की शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

पूजा का विधान

बताया जाता है कि, सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में पूजा का विधान अलग-अलग होता है। सावन शिवरात्रि पर सिर्फ महादेव की पूजा की जाती है वहीं पर महाशिवरात्रि के मौके पर महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा का भी विधान है। कहते है कि, सावन शिवरात्रि पर पूजा करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है यह विशेष अवसर होता है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।

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