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ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय डेलिगेशन का गठन, आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस का वैश्विक दौर
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Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय डेलिगेशन का गठन, आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस का वैश्विक दौर

Deeksha Mehra
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17 May 2025 11:30 AM IST

All-party delegation formed on Operation Sindoor : नई दिल्ली। भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कूटनीतिक कदम उठाया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, भारत सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के प्रमुख देशों में भेजने का फैसला किया है। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य आतंकवाद के प्रति भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को वैश्विक मंच पर रेखांकित करना और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता का संदेश देना है। यह कदम न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच राष्ट्रीय हितों पर अभूतपूर्व एकता को भी प्रदर्शित करता है।

किरण रिजिजू ने दी जानकारी

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने इस पहल की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की। उन्होंने लिखा, "सबसे अहम पलों में भारत एकजुट खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' का हमारा साझा संदेश वहां ले जाएंगे। यह राजनीति से ऊपर और मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का शक्तिशाली प्रतीक है।"

रिजिजू ने इस पहल को समन्वित करने में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में, यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न दलों के सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल हों, ताकि भारत का संदेश प्रभावी ढंग से विश्व समुदाय तक पहुंचे।

कौन हैं प्रतिनिधिमंडल के नेता?

सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व निम्नलिखित सांसद करेंगे, जो विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं:

  • शशि थरूर (कांग्रेस)
  • रविशंकर प्रसाद (भारतीय जनता पार्टी - बीजेपी)
  • संजय कुमार झा (जनता दल यूनाइटेड - जदयू)
  • बैजयंत पांडा (भारतीय जनता पार्टी - बीजेपी)
  • कनीमोई करुणानिधि (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम - डीएमके)
  • सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - एनसीपी, शरद पवार गुट)
  • श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)

इनमें से चार नेता सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से हैं। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5-8 सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और अनुभवी राजनयिक शामिल होंगे।

किन देशों की होगी यात्रा?

ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, और मिस्र का दौरा करेंगे। यह विदेश दौरा 23 मई 2025 से शुरू होने की संभावना है और करीब 10 दिनों तक चलेगा।

प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल 4-5 देशों का दौरा करेगा, जहां वे पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025, जिसमें 26 लोग मारे गए) और ऑपरेशन सिंदूर (7 मई 2025, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए) के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करेंगे। इनका उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि भारत की कार्रवाई आतंकी ठिकानों पर लक्षित थी, न कि नागरिकों पर।

सांसदों की प्रतिक्रिया

प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सांसदों ने इस जिम्मेदारी को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया है। शशि थरूर ने 'एक्स' पर लिखा, "मुझे भारत सरकार द्वारा हालिया घटनाओं पर देश का दृष्टिकोण पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का निमंत्रण पाकर सम्मान महसूस हो रहा है। जब बात राष्ट्रीय हित की हो और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद।"

सुप्रिया सुले ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "मुझे गर्व है कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हो रही हूं। मैं इस जिम्मेदारी को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करती हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और विदेश मंत्रालय का हार्दिक धन्यवाद करती हूं।"

संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) ने कहा, "डेलिगेशन पर आगे अगर बातचीत होगी तो हम अपना पक्ष रखेंगे। हम देश के हित में हर काम में शामिल हैं। देश और सेना के साथ खड़े हैं लेकिन सरकार के लोग अगर देश और सेना के साथ गद्दारी करेंगे तो वो सूचना भी हम जनता तक पहुंचाएंगे।"


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