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नई दिल्ली
अजमेर शरीफ मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले - कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया...इसमें दिक्कत क्या है?

अजमेर शरीफ मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले - कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया...इसमें दिक्कत क्या है?

नई दिल्ली

मंदिर का दावा: अजमेर शरीफ मामले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले - कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया...इसमें दिक्कत क्या है?

Gurjeet Kaur
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28 Nov 2024 12:40 PM IST

Ajmer Sharif Shiva Temple Controversy : नई दिल्ली। राजस्थान की प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह के शिव मंदिर होने के दावे को लेकर लगातार सियासत गरमाती जा रही है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने सर्वे का समर्थन करते हुए कहा कि, अदालत ने आदेश दिया तो इसमें दिक्कत क्या है?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "अजमेर में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया। अगर किसी हिंदू ने याचिका दायर की और कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया तो इसमें क्या दिक्कत है? मुगलों ने हमारे मंदिर तोड़े...कांग्रेस ने तब तक सिर्फ तुष्टीकरण किया...अगर नेहरू ने मस्जिद बनाने का यह अभियान रोक दिया होता तो आज हम कोर्ट जाने की स्थिति में नहीं होते।"

बता दें कि, राजस्थान और भारत की सबसे प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह पर दावा करते हुए हिंदू पक्ष ने कहा है कि, यह एक शिव मंदिर है। इस मामले में सिविल कोर्ट (वेस्ट) के जज मनमोहन चंदेज ने याचिका को सुनवाई योग्य माना है। माना जा रहा है कि जल्दी अजमेर शरीफ दरगाह का एएसआई सर्वे शुरू हो सकता है।

कोर्ट ने संबंधित पक्ष को जारी किया नोटिस :

दरगाह विवाद मामले में सिविल कोर्ट ने सुनवाई करते हुए संबंधित पक्ष का नोटिस जारी किए हैं। यहां पर दरगाह को शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका में कहा गया है कि दरगाह से पहले यहां पर शिव मंदिर था। इससे संबंधित साक्ष्य याचिकाकर्ता ने कोर्ट में पेश किए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर निर्धारित की है। इस वाद में विष्णु गुप्ता ने दरगाह से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए कानूनी हस्तक्षेप की मांग की थी।

न्यायालय ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। जहां पक्षों के तर्क और दस्तावेज प्रस्तुत किए जाएंगे।कहा जा रहा हैं कि, मामला धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा हुआ है, जिसके समाधान के लिए न्यायालय का हस्तक्षेप आवश्यक है। जल्द इस मामले सुनवाई के बाद फैसला हो सकेगा।

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