< Back
नई दिल्ली
दिल्ली में पुरानी गाडियों पर नहीं लगेगी रोक, सरकार ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली

Delhi News: दिल्ली में पुरानी गाडियों पर नहीं लगेगी रोक, सरकार ने दी बड़ी राहत

Swadesh Editor
|
3 July 2025 8:20 PM IST

Delhi News: दिल्ली वालों के लिए राहत भरी खबर समाने आई है l

Delhi News: दिल्लीवालों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अगर आपकी गाड़ी 10 साल से पुरानी डीजल या 15 साल से पुरानी पेट्रोल वाली है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने साफ कहा है कि इस नियम को तुरंत लागू करना फिलहाल अभी मुमकिन नहीं है लेकिन उन्होंने इसे होल्ड में रखने की सिफारिश की है l

जनता के गुस्से के बाद सरकार हरकत में आई

दरअसल अप्रैल में CAQM ने एक निर्देश जारी किया था कि 1 जुलाई 2025 से राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं मिलेगा। मतलब 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ी और 15 साल से पुरानी पेट्रोल या CNG गाड़ी के टैंक में ईंधन भरवाना बंद हो जाता। ये फैसला जैसे ही सामने आया दिल्ली की जनता में भारी नाराजगी देखने को मिली। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग विरोध करने लगे। इसी वजह से अब सरकार ने ये कदम पीछे खींचने का इशारा दिया है।

मंत्री ने CAQM को लिखा पत्र

मंत्री सिरसा ने CAQM को एक चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि 'डायरेक्शन नंबर 89' को तब तक के लिए होल्ड पर रखा जाए, जब तक NCR में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम पूरी तरह लागू नहीं हो जाता। उन्होंने ये भी भरोसा दिलाया कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर है और वैकल्पिक उपायों पर काम कर रही है।

सड़कों पर अभी भी चल रही हैं लाखों पुरानी गाड़ियां

दिल्ली में फिलहाल करीब 60 लाख से ज़्यादा ऐसी गाड़ियां हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो चुका है। इनमें करीब 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया वाहन शामिल हैं। लेकिन इनमें से काफी गाड़ियां आज भी सड़कों पर दौड़ रही हैं।

हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक SOP भी जारी किया था, जिसके मुताबिक पेट्रोल पंपों को पुराने वाहनों को ईंधन न देने का डिजिटल या मैनुअल रिकॉर्ड रखना होगा। लेकिन इसे लागू करना फिलहाल जमीनी स्तर पर काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।

क्या अब पुरानी गाड़ी चला पाएंगे?

जब तक CAQM की तरफ से कोई नया आदेश नहीं आता, तब तक पुराना नियम ही लागू रहेगा। यानी नियम तो अब भी वही है, लेकिन ज़मीनी अमल में सरकार खुद मान रही है कि इसे लागू कर पाना अभी संभव नहीं है।

Similar Posts