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नई दिल्ली
राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव खन्ना को 51 वें CJI के रूप में दिलाई शपथ
नई दिल्ली

CJI Sanjiv Khanna: राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव खन्ना को 51 वें CJI के रूप में दिलाई शपथ

Gurjeet Kaur
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11 Nov 2024 11:04 AM IST

Justice Sanjiv Khanna Sworn In as Next CJI : नई दिल्ली। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति खन्ना को पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति खन्ना छह महीने से कुछ अधिक समय तक सीजेआई के रूप में कार्य करेंगे और 13 मई, 2025 को पद से सेवानिवृत्त होंगे।

जस्टिस खन्ना चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 निरस्त करने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। बतौर सीजेआई लंबित मामलों की संख्या घटाना और न्याय में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता है। केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति की घोषणा 24 अक्टूबर 2024 को की थी।

तीस हजारी कोर्ट से वकालत की शुरुआत :

जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। जस्टिस खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। जस्टिस खन्ना ने न्यायाधीश बनने से पहले अपना करियर 1983 में तीस हजारी कोर्ट से वकालत की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की।

वकील से सीजेआई बनने का सफर :

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित मॉडर्न स्कूल बाराखंभा रोड से प्राप्त की, और 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की डिग्री ली। जस्टिस खन्ना राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

साल 1983 में जस्टिस खन्ना ने दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकरण कराया और अपनी वकालत की शुरुआत दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से की। बाद मेंउन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में भी प्रैक्टिस की। उनके पेशेवर करियर में कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ, लैंड लॉ, पर्यावरण कानून, चिकित्सा लापरवाही और आयकर कानून जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रही। इसके अलावा आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में उनका कार्यकाल लंबा और प्रभावशाली रहा।

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