नई दिल्ली
मेहुल चोकसी

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नई दिल्ली

PNB Bank Loan Scam: मेहुल चोकसी केस में भारतीय जांच एजेंसियां करेंगी बेल्जियम दौरा

Gurjeet Kaur
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14 April 2025 3:55 PM IST

PNB Bank Loan Scam : भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अपील की हैं। इस बीच खबर सामने आई है कि, अगले सप्ताह जमानत पर सुनवाई से पहले एक बहु-एजेंसी टीम बेल्जियम का दौरा करेगी। अधिकारियों के अनुसार, चोकसी की जमानत याचिका पर अगले सप्ताह स्थानीय अदालत में सुनवाई होगी। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पीएनबी बैंक ऋण 'धोखाधड़ी' में उसकी भूमिका के लिए भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर भगोड़े को रविवार को गिरफ्तार किया गया था।

पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले में भगोड़ा मेहुल चोकसी बेल्जियम में पुलिस कस्टडी में है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में उसकी भूमिका के लिए भारत ने प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। भारत की मांग पर उसे बेल्जियम में हिरासत में लिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सोमवार को अधिकारियों के हवाले से यह बताया है।

भगोड़े जौहरी के खिलाफ कार्रवाई शनिवार को की गई। कहा जाता है कि चोकसी देश में ‘रेसिडेंस कार्ड’ प्राप्त करने के बाद अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहा था। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के लिए उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस को हटाए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई सहित भारतीय एजेंसियों ने उसके प्रत्यर्पण के लिए कदम उठाया था।

इस साल फरवरी में, चोकसी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया था कि उसे कैंसर से पीड़ित होने का संदेह है और वर्तमान में उसका बेल्जियम में इलाज चल रहा है।

विशेष अदालत ईडी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित करने की मांग की गई थी। करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले को कथित तौर पर चोकसी (गीतांजलि जेम्स के प्रमोटर) और उनके भतीजे अरबपति जौहरी नीरव मोदी ने अंजाम दिया था। 2018 में, दोनों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों, बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों को मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में कथित ऋण धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए दोनों एजेंसियों ने मामला दर्ज किया था। दोनों पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के पक्ष में जारी किए गए 12,636 करोड़ रुपये के फर्जी दावों के आधार पर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और विदेशी ऋण पत्र (एफएलसी) हासिल करने का आरोप है।

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