< Back
नई दिल्ली
मानसून सत्र पर विपक्ष की राजनीतिक रार!
नई दिल्ली

नई दिल्‍ली: मानसून सत्र पर विपक्ष की राजनीतिक रार!

Swadesh Digital
|
4 Jun 2025 11:19 PM IST

नई दिल्‍ली: पहले पहलगाम आतंकी हमला और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद इस पूरे मसले पर विशेष सत्र की विपक्ष की माँग । इन सभी मुद्दों पर राजनीति का ताप बढ़ा हुआ हैं। इस बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने 21 जुलाई से 12 अगस्त तक मानसून सत्र की घोषणा कर दी है। यानी कि अब विशेष सत्र का औचित्‍य ही खत्‍म हो गया है । लेकिन 47 दिन पहले मानसून सत्र की तारीखों का एलान होते ही विपक्ष हमलावर हो गया है। विपक्ष की ओर से ये आरोप लगाया जा रहा है कि विशेष सत्र से बचने के लिए सरकार द्वारा डेढ़ महीने पहले मानसून सत्र की घोषणा कर दी गई है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसदीय मामलों के अध्यक्ष केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ है। यह भी कहा कि संसदीय परंपराओं और नियमों के तहत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है।

बता दें कि दो दिन पहले ही आईएनडीआईए की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी। ऐसे में इस सत्र में विभिन्न मंत्रालयों के महत्वपूर्ण विधेयक-प्रस्तावों के साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव भी लाया जा सकता है । सूत्री की माने तो भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार सर्वदलीय सहमति बनाने का प्रयास करेगी।

लेकिन आना वाला मानसिक। सत्र हंगामों भरा रहने वाला इसको लेकर विपक्ष ने कमर कस ली है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सरकार पर आरोप लगाया है कि विशेष सत्र से ध्यान हटाने के लिए अचानक संसद के मानसून सत्र की घोषणा कर दी गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि मानसून सत्र के दौरान तमाम मुद्दे, जो राष्ट्रहित में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, चर्चा का केंद्र रहेंगे। जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री विशेष सत्र से भाग सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं भाग सकते।छह सप्ताह बाद उन्हें इन कठिन सवालों का जवाब देना ही होगा।

जयराम रमेश का कहना है कि संसद सत्र की घोषणा हमेशा कुछ दिन पहले होती। शायद एक सप्ताह या दस दिन पहले। लेकिन इस सत्र की घोषणा 47 दिन पहले की गई है। भारत के संसदीय इतिहास में इससे पहले कभी भी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं की गई थी।

कॉंग्रेस एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर को कटघरे में खड़े कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रही है । जयराम रमेश का कहना है कि कांग्रेस, भारत के गठबंधन दलों की ओर से पहलगाम आतंकी हमले, आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में न लाने, राष्ट्रपति ट्रम्प के बार-बार के दावों, ट्रम्प के सामने 'नरेंद्र का आत्मसमर्पण' पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की लगातार मांग कर रही है। साथ ही कॉंग्रेस ऑपरेशन सिंदूर को भारत की कूटनीति और विदेश नीति को सरकार की विफलता बता रही है और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के सिंगापुर में खुलासे को भी कटघरे में खड़े कर रही है । उन्होंने कहा है कि ये वे मुद्दे हैं जो भारत के लोगों को परेशान कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर को चार दिन बाद अचानक क्यों रोक दिया गया?.

बता दें कि काँग्रेस और राहुल गांधी लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल खड़े कर रही है और सरकार से सबूत माँग रही है।

Similar Posts