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13 मई तक करें रजिस्ट्रेशन, जानिए यात्रा का मार्ग और चिकित्सा जांच की पूरी जानकारी
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Kailash Mansarovar Yatra 2025: 13 मई तक करें रजिस्ट्रेशन, जानिए यात्रा का मार्ग और चिकित्सा जांच की पूरी जानकारी

Swadesh Digital
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8 May 2025 8:32 PM IST

Kailash Mansarovar Yatra 2025 : नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण जल्द ही बंद हो रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि, 13 मई 2025 से पहले अपना पंजीकरण करवा लें नहीं तो रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगा।

विदेश मंत्रालय इस कैलाश यात्रा का आयोजन हर साल जून से सितंबर के दौरान दो अलग-अलग मार्गों - लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) के माध्यम से करता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा (KMY) अपने धार्मिक मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए जानी जाती है। यह हर साल सैकड़ों लोगों द्वारा चलाया जाता है।

भगवान शिव के निवास के रूप में हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण होने के नाते, यह जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है। केएमवाई, वैध भारतीय नागरिकों के लिए खुला है, जो वैध भारतीय पासपोर्ट रखते हैं, जो धार्मिक उद्देश्यों के लिए कैलाश-मानसरोवर की ओर बढ़ना चाहते हैं।

यह यात्रा उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम राज्य की सरकारों और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सहयोग से आयोजित की जाती है। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) और सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) तथा उनके संबद्ध संगठन भारत में यात्रियों के हर जत्थे के लिए सम्भारगत सहायता और सुविधाएं मुहैया कराते हैं। दिल्ली हार्ट एवं लंग इंस्टीट्यूट (डीएचएलआई) इस यात्रा के लिए आवेदकों के स्वास्थ्य स्तरों के निर्धारण के लिए चिकित्सा जाँच करता है।

यात्रियों को यात्रा से पूर्व तैयारियों और चिकित्सा जांच के लिए दिल्ली में 3 या 4 दिन तक रूकना चाहिए। दिल्ली सरकार केवल यात्रियों के लिए साझा तौर पर खान-पान और ठहरने की सुविधाओं का निःशुल्क प्रबंध करती है। यात्री यदि चाहे तो दिल्ली में खान-पान और ठहरने की अपनी व्यवस्था कर सकते हैं।

आवेदक ऑनलाइन पंजीकरण करने के पूर्व अपनी सेहत और तंदुरुस्ती की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कुछ बुनियादी जांच कर सकते हैं लेकिन यह जाँच यात्रा से पहले दिल्ली में डीएचएलआई और आईटीबीपी द्वारा की जाने वाली चिकित्सा जाँचों के लिए वैध नहीं होगी।

इस यात्रा में प्रतिकूल हालात, अत्यंत खराब मौसम में ऊबड़-खाबड़ भू-भाग से होते हुए 19,500 फुट तक की चढ़ाई चढ़नी होती है और यह उन लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है जो शारीरिक और चिकित्सा की दृष्टि से तंदुरुस्त नहीं हैं। यात्रा कार्यक्रम अनंतिम है और उसमें शामिल स्थानों की यात्रा किसी भी समय स्थानीय हालात के अध्यधीन है। तीर्थयात्री यह यात्रा पूरी तरह से अपनी इच्छा शक्ति के बल पर तथा खर्च, जोखिम और परिणामों से अवगत होकर करते हैं।

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