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अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थता करने को तैयार
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डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया प्रस्ताव: अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे के "समाधान" के लिए मध्यस्थता करने को तैयार

Gurjeet Kaur
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11 May 2025 10:12 AM IST

नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लिया है। इस बार ट्रम्प का शांति और समाधान प्रस्ताव कश्मीर तक पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर की सराहना करते हुए कहा कि, आक्रामकता लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकता है।

'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, 'मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और अडिग नेतृत्व पर बहुत गर्व है, क्योंकि उनके पास यह जानने और समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य है कि वर्तमान आक्रामकता को रोकने का समय आ गया है, जो इतने सारे लोगों की मौत और विनाश का कारण बन सकता है। लाखों अच्छे और निर्दोष लोग मारे जा सकते थे! आपकी विरासत आपके बहादुर कार्यों से बहुत बढ़ गई है।'

कश्मीर के संबंध में कोई समाधान निकाला जा सकता है : USA

'मुझे गर्व है कि यूएसए इस ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण निर्णय पर पहुंचने में आपकी मदद करने में सक्षम था। जबकि चर्चा भी नहीं हुई, मैं इन दोनों महान राष्ट्रों के साथ व्यापार को काफी हद तक बढ़ाने जा रहा हूं। इसके अतिरिक्त, मैं आप दोनों के साथ मिलकर यह देखने के लिए काम करूंगा कि क्या "हजार साल" के बाद कश्मीर के संबंध में कोई समाधान निकाला जा सकता है। भगवान भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को अच्छी तरह से किए गए काम के लिए आशीर्वाद दें।'

बता दें कि, शनिवार जो भारत और पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की घोषणा से पहले ही अमरीकी राष्ट्रपति ने बता दिया था कि, सीजफायर के लिए दोनों देश मान गए थे। इसके बाद विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री की तरफ से कहा गया था कि, शनिवार को दोपहर 15:35 बजे पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने फोन पर भारतीय DGMO से बातचीत की। बातचीत के दौरान इस बात पर सहमति बनी कि आज भारतीय समयानुसार 17:00 बजे से जल, थल और वायु में हो रही गोलीबारी और सैन्य करवाई बंद कर दी जाएगी। दोनों ही देशों को इस सहमति लागू करने के लिए कुछ दिशा निर्देश दिए जायेंगे। जिसके लिए DGMO 12 मई को दोपहर बारह बजे फिर से इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे।'

इस तरह भारत की और से तीसरे देश की मध्यस्थता को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया।

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