< Back
मप्र उपचुनाव 2020
कांग्रेस नहीं संभाल पा रही कुनबा, सात माह में 26 विधायकों ने छोड़ा हाथ
मप्र उपचुनाव 2020

कांग्रेस नहीं संभाल पा रही कुनबा, सात माह में 26 विधायकों ने छोड़ा हाथ

स्वदेश डेस्क
|
26 Oct 2020 6:30 AM IST


भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में कांग्रेस का कुनबा बिखरता जा रहा है। पार्टी नेता लाख कोशिश करने के बाद भी इसे संभाल नहीं पा रहे हैं। बीते सात माह में 26 विधायक हाथ (पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा) का साथ छोड़ चुके हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि अभी भी कांग्रेस के कुछ और विधायक संपर्क में हैं।

माना जा रहा है कि उपचुनाव के परिणाम आने से पहले ऐसे कुछ और झटके कांग्रेस को दिए जा सकते हैं। उधर, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सौदेबाजी पर उतर आई है। विधानसभा चुनाव 2018 से पहले कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जोर इस बात पर ही दिया था कि नाराज नेताओं को मनाकर काम पर लगाया जाए। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जिलों में जाकर संगत में पंगत कार्यक्रम किए। इसके तहत वे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के कुछ जिलों को छोडक़र सभी जिलों में पहुंचे और नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया। इसका फायदा मिला और कांग्रेस 114 विधानसभा सीटें जीतकर निर्दलीय, बसपा और सपा के समर्थन से सत्ता में आई लेकिन विधायकों की नाराजगी की खबरें लगातार सामने आती रहीं। मनमुटाव इस कदर बढ़ा कि राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समर्थक 22 विधायकों (छह मंत्री भी थे) के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई और अंतत: 20 मार्च 2020 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस उलटफेर के बाद शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने।

माना जा रहा था कि तीन विधायकों के निधन से रिक्त सीटों सहित 25 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होगा पर इसी बीच तीन कांग्रेस विधायकों, मलहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी ने 12 जुलाई को, नेपानगर से सुमित्रादेवी कास्डेकर ने 17 जुलाई को और खंडवा के मांधाता से नारायण पटेल ने 23 जुलाई को कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के मुताबिक, 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की घोषणा के बाद यह माना जा रहा है कि अब विधायकों के समर्थन और इस्तीफे का सिलसिला रूक जाएगा, लेकिन यह अभी भी जारी है। पहले भगवानपुरा से निर्दलीय विधायक केदार चिड़ाभाई डावर ने शिवराज सरकार को समर्थन की घोषणा की और अब कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

बताया जा रहा है कि इतने झटके लगने के बाद भी कांग्रेस में संवादहीनता की स्थिति बनी हुई है। विधायकों से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का संपर्क तो बना हुआ है पर वे भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं।

Similar Posts