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जनप्रतिनिधि के साथ करना होगा शिष्ट व्यवहार, डीजीपी मकवाना का MP पुलिस के लिए आदेश
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MP DGP Order: जनप्रतिनिधि के साथ करना होगा शिष्ट व्यवहार, डीजीपी मकवाना का MP पुलिस के लिए आदेश

Deeksha Mehra
|
26 April 2025 12:30 AM IST

MP DGP Kailash Makwana Order : भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के लिए डीजीपी कैलाश मकवाना ने एक ख़ास आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि, किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ शिष्ट व्यवहार में कमी नहीं होनी चाहिए। सांसद और विधायक मिलने आए तो पुलिस अफसरों को प्राथमिकता के आधार पर उनसे मुलाकात कर बात सुननी होगी और आने जाने पर सैल्यूट मारना होगा।

बार-बार जारी हुए हैं निर्देश

डीजीपी कैलाश मकवाना ने 24 अप्रैल 2025 को यह आदेश जारी किया। इस निर्देश में पहले जारी किए गए 8 परिपत्रों का भी उल्लेख किया गया है, जो 23 जनवरी 2004, 18 मई 2007, 22 मार्च 2011, 24 अक्टूबर 2017, 19 जुलाई 2019, 11 दिसंबर 2019, 12 नवंबर 2021 और 4 अप्रैल 2022 को सरकार द्वारा जारी किए गए थे। ये सभी परिपत्र जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल और शिष्टाचार से संबंधित थे। अब एक बार फिर पुलिस मुख्यालय ने सभी थाना प्रभारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक को सैल्यूट करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

इस वजह से जारी हुआ यह आदेश

दरअसल, मध्य प्रदेश के पिछोर से विधायक प्रीतम लोधी ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक (एसपी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाने का घेराव किया था। उनकी एसपी के साथ तीखी बहस भी हुई थी। दूसरी ओर, मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल अपनी शिकायत पर सुनवाई न होने से नाराज होकर स्वयं थाने में गिरफ्तारी देने पहुंच गए थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "अगला नंबर मेरा ही था, इसलिए मैं खुद गिरफ्तारी देने आ गया।" इन घटनाओं ने पुलिसकर्मियों को असहज स्थिति में डाल दिया था।

इन मामलों की गूंज पुलिस मुख्यालय तक पहुंची, जिसके बाद डीजीपी मकवाना ने सख्त कदम उठाते हुए यह आदेश जारी किया। इस निर्देश का उद्देश्य पुलिस और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर समन्वय और शिष्टाचार को सुनिश्चित करना है।

पुलिस के लिए नए नियम

नए आदेश के तहत पुलिस अधिकारियों को न केवल सांसदों और विधायकों के प्रति सम्मान दिखाना होगा, बल्कि उनकी शिकायतों को प्राथमिकता के साथ सुनना भी अनिवार्य होगा। सैल्यूट करने का नियम लागू होने से पुलिसकर्मियों को जनप्रतिनिधियों के प्रति औपचारिक सम्मान प्रकट करने में और सजग रहना होगा। यह कदम पुलिस और जनप्रतिनिधियों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है।

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