
Manoj Kumar Story
Manoj Kumar Story: भारत कुमार ही नहीं, छत्तीसगढ़ के इरागुड़ा के किसान भी थे मनोज कुमार
|दीपक अवस्थी @ बालोद/मुंबई। देशभक्ति और सामाजिक मूल्यों से जुड़ी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। हिंदी सिनेमा में 'भारत कुमार' के नाम से प्रसिद्ध रहे मनोज कुमार न केवल परदे पर राष्ट्रभक्ति के प्रतीक थे, बल्कि असल जीवन में भी वे मिट्टी से जुड़े एक सच्चे भारतीय थे। बहुत कम लोगों को पता है कि उनका एक खास नाता छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से भी रहा है।
मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। उनका जन्म एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में हुआ था। भारत विभाजन के बाद वे अपने परिवार के साथ भारत आ गए और मुंबई में संघर्ष करते हुए एक सफल अभिनेता बने। 1980 के दशक की शुरुआत में जब उन्होंने देशभक्ति पर आधारित फिल्मों से खास पहचान बना ली, तब उनका रुझान कृषि और ग्रामीण जीवन की ओर बढ़ा।
इसी दौरान उनके पुराने मित्र, दुर्ग के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार सुदर्शन श्रृंगारी ने उन्हें छत्तीसगढ़ की उपजाऊ भूमि के बारे में बताया। श्रृंगारी की सलाह पर मनोज कुमार ने गुंडरदेही तहसील के इरागुड़ा गांव में करीब 54 एकड़ कृषि भूमि खरीदी, जो कि ऐतिहासिक तांदुला जलाशय के समीप स्थित है। यह वही तांदुला परियोजना है जो 1905-1912 के बीच ब्रिटिश अभियंता एडम स्मिथ की देखरेख में बनी थी।
यह क्षेत्र दो फसली और अत्यधिक उपजाऊ माना जाता है। छत्तीसगढ़ के ख्यातिनाम पत्रकार-साहित्यकार जाकिर हुसैन के अनुसार, इस जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए मनोज कुमार की पत्नी शशि गोस्वामी और पुत्र राजीव गोस्वामी स्वयं दुर्ग आए थे। काफी समय तक मनोज कुमार के परिवार ने व्यवस्था बनाकर वहां कृषि कार्य भी कराया लेकिन बाद में दूरी और पारिवारिक व्यस्तताओं के चलते उनके बेटे ने वह जमीन बेच दी।