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इंदौर
आएशा और आदिल ने नाबालिग को 4 लाख में बेचा

आएशा और आदिल ने नाबालिग को 4 लाख में बेचा

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इंदौर: आएशा और आदिल ने नाबालिग को 4 लाख में बेचा, पिता दिव्यांग और मां करती है मजदूरी

Deeksha Mehra
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15 Nov 2024 2:17 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां आएशा उर्फ़ कोमल और मोहम्मद आदिल उर्फ़ गोलू पठान ने इंदौर की नाबालिग लड़की को गुजरात में बेचा था। बताया जा रहा है कि, नाबालिग लड़की के पिता दिव्यांग हैं है और उसकी मां घर चलाने के लिए मजदूरी करती है।

जानकारी के अनुसार, 17 साल की नाबालिग ने बीते दिन गुरूवार को चंदन नगर पुलिस थाने में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। उसने बताया कि, आएशा और आदिल ने उसे घुमाने के बहाने कार में लेकर गए थे और साढ़े चार लाख रुपए में उसे बेच दिया। पुलिस ने लड़की की शिकायत पर इस मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया है।

इनको बनाया आरोपी

आएशा उर्फ़ कोमल, पति आदिल उर्फ़ गोलू पठान, जीवन, विमला, धर्मेंद्र, प्रकाश और रवि के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। डीसीपी ऋषिकेश मीना ने बताया कि, एक आरोपी को छोड़कर अन्य सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता के क बहन और द्वौ छोटे भाई हैं।

घुमाने के बहाने ले गए जामनगर

नाबालिग पीड़िता ने FIR में बताया कि, वह 5 नवंबर को रात में घर से बाहर कुछ काम से गई थी। इसी दौरान उसे आएशा और उसका पति आदिल मिले। नाबालिग आएशा को पहले से जानती थी तो दोनों बात करने लगे। बातों- बातों में आएशा ने नाबालिग से बेटमा चलने की बात कही। तब नाबालिग अपने घर में बिना बताए उसके चली गई। राजामोहल्ला में चाय की दूकान के पास एक कार में अन्य आरोपी विमला, रवि और धमेंद्र मिले। विमला ने आएशा और नाबालिग से कार में घूमकर आने की बात कही। इस पर नाबालिग ने मना किया लेकिन आएशा ने पीड़िता को मना लिया। इसके बाद कार से नाबालिग को गुजरात के जामनगर लाया गया।

नाबालिग पीड़िता को बनाया शादीशुदा

यहां एक प्रकाश नाम के युवक को नाबालिग सौंपकर बाकी सभी लोग वापस आ गए। आरोपी प्रकाश ने नाबालिग को बताया कि, उसके साथ आए लोगों ने उसका सौदा किया है। वो साढ़े चार लाख रुपए में उसे बेचकर चले गए। आरोपी ने बताया कि, वह (नाबालिग पीड़िता ) उसकी पत्नी है। इसके बाद आरोपी प्रकाश नाबालिग को लेकर उसके घर गया, जहां कई बार उससे दुष्कर्म किया। जैसे-तैसे करके एक दिन नाबालिग आरोपी के चंगुल से भागकर स्टेशन पहुंची। वहां से ट्रैन में बैठकर इंदौर आई और अपनी मां को पूरी कहानी सुनाई। इसके बाद वह बीते दिन गुरूवार 14 नवंबर को हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं की मदद से रिपोर्ट लिखवाई।

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