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भोपाल समेत कई इलाकों में मानसून की बारिश से राहत, ग्वालियर-चंबल के लिए अलर्ट जारी
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MP 16 August Weather Update: भोपाल समेत कई इलाकों में मानसून की बारिश से राहत, ग्वालियर-चंबल के लिए अलर्ट जारी

Anurag Dubey
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15 Aug 2024 5:23 PM IST

MP 16 August Weather Update: भोपाल। भोपाल में आज सुबह हल्की बारिश हुई, जबकि विदिशा में कल रात से रुक-रुक कर कभी तेज बारिश हो रही है। इंदौर और उज्जैन में बादल छाए हुए हैं और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

इंदौर और उज्जैन में बादल छाए हुए हैं और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, "उत्तर-पश्चिम राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र है, जहां से मानसून की द्रोणिका मध्य प्रदेश के सीधी से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। दो अन्य चक्रवाती परिसंचरण भी सक्रिय हैं, जिससे पूरे राज्य में भारी से लेकर हल्की बारिश हो रही है।"

गुरुवार को ग्वालियर, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना और बालाघाट जिलों समेत राज्य के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। बुधवार को राज्य के 13 जिलों में बारिश हुई। खजुराहो, उमरिया और सिवनी में एक इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि सीधी में आधे इंच से अधिक बारिश हुई। गुना, पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, सतना, मलाजखंड और टीकमगढ़ में भी हल्की बारिश दर्ज की गई है।

अब तक मध्य प्रदेश में औसतन 27.4 इंच बारिश हुई है, जो इस मौसम में होने वाली कुल बारिश का 73% है। मंडला 41.1 इंच के साथ सबसे अधिक बारिश वाले जिलों की सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद सिवनी 38.24 इंच, नर्मदापुरम 35 इंच, श्योपुर 34.78 इंच और रायसेन 34 इंच बारिश के साथ दूसरे स्थान पर है। संभागों में जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम में सबसे अधिक बारिश हुई है।

जबलपुर संभाग के सभी जिलों में अच्छी बारिश हुई है और भोपाल में 33 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो इस मौसम की सामान्य बारिश का लगभग 90% है, और अभी केवल 4 इंच और बारिश की आवश्यकता है। अगस्त के पहले सप्ताह में राज्य भर में भारी बारिश के कारण बांध और जलाशय ओवरफ्लो हो गए और नदियाँ उफान पर आ गईं। बुधवार को कुछ बांधों में जल स्तर बढ़ना जारी रहा और अब उनकी क्षमता का 80% हिस्सा भर गया है। इसके कारण कोलार, बाणसागर, कुंडलिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, कलियासोत, भदभदा, केरवा और अन्य सहित कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं।

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