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भोपाल में साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार
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Bhopal News: भोपाल में साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार

Swadesh Editor
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30 Jan 2025 7:41 PM IST

Bhopal News: थाना अवधपुरी पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Bhopal News: शहर में बढ़ते साइबर फ्रॉड मामलों की रोकथाम के लिए पुलिस आयुक्त हरि नारायणचारी मिश्र और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी के निर्देश पर साइबर ठगों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस उपायुक्त जोन-2 संजय कुमार अग्रवाल के निर्देशन में थाना अवधपुरी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने रीगल टाउन, अवधपुरी स्थित फ्लैट नंबर 301 में छापा मारकर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो जूम कार एप्लिकेशन के माध्यम से लोगों को ठगने का काम कर रहे थे।

गिरफ्तारी ऐसे हुई

थाना अवधपुरी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि रीगल टाउन ब्लॉक नंबर 1-ए के फ्लैट नंबर 301 में 4-5 युवक संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त हैं और महंगी गाड़ियों में घूमते हैं। सूचना के आधार पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त महावीर सिंह मुजाल्दे और सहायक पुलिस आयुक्त दीपक नायक के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक रतन सिंह परिहार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने फ्लैट पर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया, जिसे खोलने पर वहां पांच युवक मौजूद मिले। पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने अपने नाम यश सलूजा, अंशुल प्रियांशु, मयंक ठाकुर, अखिलेश पांडे और सहजप्रीत सिंह बताए। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे जुलाई 2024 से इस फ्लैट में रह रहे हैं और जूम कार एप्लिकेशन के माध्यम से साइबर ठगी कर रहे थे।

ठगी का तरीका

आरोपी जूम कार कंपनी, जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है, की वेबसाइट पर फर्जी तरीके से कार किराए पर देने का दावा करते थे। वे गूगल से अलग-अलग कारों की 6 तस्वीरें डाउनलोड कर उन्हें एप्लिकेशन पर अपलोड करते थे। इसके बाद एक फर्जी नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट बनाकर इसे वेबसाइट पर पंजीकृत कर देते थे। जब ग्राहक कार बुक करता था, तो उसे एडवांस भुगतान करना पड़ता था। कंपनी द्वारा कुल राशि का 40% खुद रखा जाता था, जबकि 60% आरोपियों के फर्जी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता था।


जब ग्राहक कार लेने के लिए बताए गए स्थान मुंबई, दिल्ली और अन्य जगहों पर पहुंचता था, तो आरोपी शुरुआत में उसे भरोसा दिलाते थे कि कार आने वाली है। लेकिन जब ग्राहक बार-बार कॉल करता, तो आरोपी उसका नंबर ब्लॉक कर देते और मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लेते थे। बाद में, वे नया मोबाइल नंबर, सिम कार्ड और फर्जी बैंक अकाउंट बनाकर दोबारा ठगी का काम शुरू कर देते थे।

पुलिस ने बरामद किया ढाई करोड़ का सामान

गिरफ्तार आरोपियों से ढाई करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन, सिम कार्ड व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने अब तक कितने लोगों को ठगा है। भोपाल पुलिस नागरिकों को साइबर ठगी से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को देने की अपील कर रही है।

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