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मैं गरीबों का उत्थान करता रहूंगा, उनको उनका हक दिलवा कर रहूंगा : मुख्यमंत्री
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मैं गरीबों का उत्थान करता रहूंगा, उनको उनका हक दिलवा कर रहूंगा : मुख्यमंत्री

स्वदेश डेस्क
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13 Oct 2020 5:38 PM IST

भोपाल। हम चुनाव को चुनाव की तरह लेते हैं, लेकिन पता नहीं कांग्रेस के मित्रों को क्या हो गया है, वे गरीबों को भूखा-नंगा कहते हैं। कमलनाथ जी, हम नंगे-भूखे हैं क्योंकि हमने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देना प्रारम्भ किया है, हमने किसान सम्मान निधि में प्रदेश की तरफ से रु. 4,000 का योगदान दिया है, विद्यार्थियों को लैपटॉप देना प्रारम्भ किया है, कन्यादान की राशि देना पुन: प्रारम्भ किया है। हम भूखे-नंगे ही अच्छे हैं, क्योंकि ये भूखे-नंगे गरीबों, किसानों के कल्याण के लिए काम करते हैं। यह बातें मुख्यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कही।

राजधानी स्थित भाजपा कार्यालय से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की 28 विधानसभाओं में चुनाव प्रचार के लिए वीडियो रथ को रवाना किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने किसान को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देना, बच्चों की फीस भरवाना शुरू किया है। आप बड़े आदमी हैं, इसलिए आपने बच्चों की फीस और बहनों के लड्डू के पैसे छीन लिये थे। कमलनाथ जी, यह भारतीय जनता पार्टी है। हमारे प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि गरीब की सेवा ही भगवान की पूजा है। प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक गरीब का है।

मैं गरीबों का उत्थान करता रहूंगा -

उन्होंने कहा कि आप मुझे भूखा-नंगा कहो लेकिन मैं गरीबों का उत्थान करता रहूंगा, उनको उनका हक दिलवा कर रहूंगा। ईश्वर समदर्शी है, उसने सबको बराबर बनाकर भेजा है। कमलनाथ जी आप जैसे लोगों ने गरीबों का हक छीना है। गरीबों का हक दिलवाकर रहूंगा। मध्यप्रदेश के खजाने पर पहला हक गरीबों, किसानों, महिलाओं का है और मैं उन्हें यह देकर रहूंगा। कमलनाथ जी, आप उद्योगपति हैं और बड़े आदमी हैं इसलिए सरकारी योजनाओं के लाभ से मध्यप्रदेश की गरीब जनता को वंचित कर दिया था।

गरीबों को अधिकार और न्याय देना हमारा धर्म -

सीएम शिवराज ने कहा कि हम भूखे-नंगे हैं, हमने 77 लाख से अधिक किसानों का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की सूची में जोड़ा। गरीबों को अधिकार और न्याय देना हमारा धर्म है। इसलिए हम अमीरों से धन लेंगे और गरीबों के कल्याण के काम करेंगे। यही सामाजिक न्याय है।

दरअसल, भोपाल स्थित

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