< Back
Lead Story
सावन का पहला सोमवार आज, इस विशेष मुहूर्त में करें पूजा, भोलेबाबा का मिलेगा आशीर्वाद
Lead Story

सावन का पहला सोमवार आज, इस विशेष मुहूर्त में करें पूजा, भोलेबाबा का मिलेगा आशीर्वाद

Deepika Pal
|
22 July 2024 5:15 AM IST

सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है। सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से ही मिल जाता है।

Sawan Somvar Vrat 2024: सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है जिसके पहले सोमवार की शुरुआत आज यानि 22 जुलाई से हो रही है।वैदिक पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिन्हें पूजा-पाठ के लिए उत्तम माना जाता है। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है। सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से ही मिल जाता है। सावन सोमवार का व्रत करने और भगवान शिव की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने पर जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल मिलते हैं।

जानिए सावन सोमवार की सही तिथियां

पंचांग के अनुसार इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है, और 19 अगस्त तक यह महीना रहेगा। खास बात यह है कि पहले दिन ही सोमवार है। इसलिए इसका महत्व बढ़ गया है।

22 जुलाई 2024- पहला सोमवार

29 जुलाई 2024- दूसरा सोमवार

5 अगस्त 2024- तीसरा सोमवार

12 अगस्त 2024- चौथा सोमवार

19 अगस्त 2024- पांचवा सोमवार

सावन के पहले सोमवार पर बन रहे हैं 5 शुभ योग

आपको बताते चलें कि, सावन के पहले दिन यानी पहले सोमवार पर इस साल 5 दुर्लभ योग बन रहे हैं। यहां पंचांग के अनुसार सोमवार 22 जुलाई को प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा और मंगल के एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहने से नवम पंचम योग का भी निर्माण हो रहा है। वहीं इस दिन शनि के स्वराशि कुंभ में रहने से शश योग भी बन रहा है। इसके अलावा, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी भी है। पुरोहितों के अनुसार इन पांच योग में पूजा से शुभ परिणाम मिलेंगे।

इस विधि के साथ करें पूजन

सावन के पहले सोमवार के दिन इस विधि से पूजन करना चाहिए जो इस प्रकार हैं....

1- सावन सोमवार का व्रत ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक रखा जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करके हाथ में अक्षत लेकर सावन सोमवार के व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

2- इसके बाद शिवालय में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, दूध, दही, शहद, सुपारी, फल, फूल, भांग, धतूरा आदि पूजन सामग्री अर्पित करें और विधि विधान के साथ शिवलिंग की पूजा करें।

3- इसके बाद प्रदोष काल में भी शिव पूजन अवश्य करें, शिव पूजन करने के बाद आप फलाहार कर सकते हैं। उपवास करने वालों को रात्रि के समय भूमि पर ही सोना चाहिए।

जानिए सावन सोमवार व्रत का महत्व

आपको बताते चलें कि, सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित हैं। इस साल सावन का विशेष महत्व है, क्योंकि इस साल सावन मास की शुरुआत सोमवार के दिन से हो रहा है और सावन में कुल पांच सोमवार पड़ रहे हैं।

ज्योतिषयों के अनुसार, भगवान शिव की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती हैं।

अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अड़चने आ रही हों तो सावन के सोमवार पर पूजा करनी चाहिए। सावन सोमवार को शिव जी की पूजा करने के दौरान जल तथा बेल पत्र अर्पित करना चाहिए। शिव पुराण में भगवान शिव को विवाह का देवता माना गया है।

Similar Posts