< Back
Lead Story
गोवर्धन पूजा के दिन गायों के पैरों तले खुद को रौंदवाने का रिवाज

गोवर्धन पूजा के दिन गायों के पैरों तले खुद को रौंदवाने का रिवाज

Lead Story

उज्जैन गौरी पूजन परंपरा: गोवर्धन पूजा के दिन गायों के पैरों तले खुद को रौंदवाने का रिवाज, सुबह से लगी भीड़, जानिए क्या है इसका महत्त्व

Deeksha Mehra
|
2 Nov 2024 9:55 AM IST

मध्य प्रदेश। महाकाल की नगरी उज्जैन में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा कर खुद को उनके पैरों के नीचे रुदवाने का रिवाज है। इसके लिए सुबह से लोगों की भीड़ लगी हुई है। ये अजब-गजब परंपरा उज्जैन जिले के भिड़ावाड़ गांव में सालों से चली आ रही है। आइये जानते हैं ये परंपरा क्यों है और इसका महत्त्व क्या है।

मन्नत होती पूरी

मान्यता है कि, गायों के पैरों से खुद को रुंदवाने से मनोकामना पूरी होती है। इतना ही नहीं बीमारियों से भी निजात मिलता है, इसलिए यहां लोग गोवर्धन गायों की पूजा करवाने के बाद अपने ऊपर से निकलवाते हैं। जिन लोगों की मन्नत पूरी हो जाती है वे ही ऐसा करते है। परंपरा के पीछे लोगों का मानना है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास रहता है और गाय के पैरों के नीचे आने से देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

कई वर्षों पुरानी है परंपरा

परंपरा के अनुसार लोग पांच दिन तक उपवास करते है और दीपावली के एक दिन पहले गांव के माता मंदिर में रूककर रात गुजारते है और भजन कीर्तन करते है। दीपावली के दूसरे दिन पड़वा पर सुबह पूजन किया जाता है, उसके बाद ढोल बाजे के साथ वर्षों पुरानी गांव की परिक्रमा की जाती है।

आज तक नहीं हुई कोई हानि

गांववालों का मानना है कि गाय के पैरों के नीचे आने से साल भर घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। सालों से चली आ रही परंपरा के कारण आज तक किसी को कोई हानि नहीं पहुंची है। हालांकि उसी गांव के कुछ निवासियों का मानना है कि, आस्था के नाम पर यहां लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जाता हैं, लेकिन हार साल इस परम्परा का निवाह गांव वालों के द्वारा किया जाता है।


Similar Posts