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थरूर के नाम पर कांग्रेस में घमासान, कांग्रेस ने कहा सरकार ने वादाखिलाफी की...
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ऑपरेशन सिंदूर: थरूर के नाम पर कांग्रेस में घमासान, कांग्रेस ने कहा सरकार ने वादाखिलाफी की...

Deepika Pal
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17 May 2025 10:57 PM IST

सरकार की ओर से इस प्रतिनिधि मंडल में केरल के तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को शामिल किए जाने की बात सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया है।

सीमा पार आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है। यह प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत कई प्रमुख देशों का दौरा कर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और पाकिस्तान की साजिशों को उजागर करेगा। लेकिन सरकार की ओर से इस प्रतिनिधि मंडल में केरल के तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को शामिल किए जाने की बात सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने ही इस पर आपत्ति करते हुए सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिए हैं।

सरकार की मंशा क्या है?

सरकार ने कहा है कि प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के साथ-साथ प्रमुख राजनयिकों और राजनीतिक हस्तियों को शामिल किया गया है। इसके लिए पहले सभी दलों से नाम मांगे गए थे, जिनमें कांग्रेस भी शामिल थी। सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि सूची में कुछ नाम ऐसे भी हैं जो दलों द्वारा सुझाए नहीं गए, लेकिन ऐसे लोगों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर चुना गया है। शशि थरूर का नाम ऐसा ही है जिन्हें सरकार ने अपनी ओर से जोड़ा।

कांग्रेस का ऐतराज़

लेकिन कांग्रेस ने इस पर सख्त आपत्ति करते हुए सरकार पर राजनीतिक खेल' खेलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि 16 मई को पार्टी ने चार सांसदों के नाम आधिकारिक रूप से दिए थे, जिनमें थरूर शामिल नहीं थे। बावजूद इसके, सरकार ने थरूर को तो चुना लेकिन कांग्रेस के सुझाए किसी नाम को नहीं माना। जयराम रमेश ने इसे वादाखिलाफी की कोशिश बताया।

भाजपा का पलटवार

भाजपा ने कांग्रेस की तरफ से सुझाए गए चार नामों में से दो नाम गौरव गोगोई और सैयद नासिर हुसैन पर आपत्ति जताई है। असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि सूची में नामित सांसदों में से एक (असम से) ने पाकिस्तान में अपने लंबे समय तक रहने से इनकार नहीं किया है इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन को लेकर कहना है कि उनकी राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे।

थरूर को लेकर कांग्रेस ही घिरी

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस से पूछा कि जब थरूर की विदेश नीति पर गहरी पकड़ और संयुक्त राष्ट्र का अनुभव है, तो पार्टी ने उन्हें खुद क्यों नहीं भेजा? क्या यह ईर्ष्या भाव है, असुरक्षा है या फिर ‘हाईकमान’ से बेहतर प्रदर्शन करने वालों के प्रति असहिष्णुता?

थरूर का जवाब: राष्ट्रहित सर्वोपरि

अपने चयन पर शशि थरूर ने सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह पार्टी से जुड़ा मामला नहीं है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा- "देश का दृष्टिकोण सामने रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। जब भी राष्ट्र को मेरी जरूरत होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद!"

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए भी थरूर ने कहा कि यह राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का सवाल है। उन्होंने साफ किया कि वह ऐसे मौकों पर राजनीति से ऊपर उठकर देश के लिए खड़े रहेंगे।

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