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तो अब क्षेत्रीय भाषाओं में सुनाई देगी सदन की कार्यवाही, उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र से पहले ऐतिहासिक पहल...
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लखनऊ: तो अब क्षेत्रीय भाषाओं में सुनाई देगी सदन की कार्यवाही, उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र से पहले ऐतिहासिक पहल...

Deepika Pal
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17 Feb 2025 8:13 PM IST

इस बार बजट सत्र से पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक अनूठी पहल की गई है। अब विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय, अंग्रेजी भाषाओं में भी सुनी जा सकेगी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा अपने गठन के बाद से लगातार नए आयाम स्थापित कर रही है। इसी क्रम में इस बार बजट सत्र से पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक अनूठी पहल की गई है। अब विधानसभा की कार्यवाही हिंदी के साथ-साथ अवधी, ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अंग्रेजी भाषाओं में भी सुनी जा सकेगी। यह देश की किसी भी विधानसभा में अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के आम नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण अंचल के लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से और अधिक जोड़ना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के नए प्रवेश द्वार का उद्घाटन किया और भित्ति चित्रों का लोकार्पण किया। इन भित्ति चित्रों में उत्तर प्रदेश के समग्र विकास को दर्शाया गया है। महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उन्नति, औद्योगिक विस्तार तथा सामाजिक समरसता को इन चित्रों के माध्यम से खूबसूरती से उकेरा गया है।

प्रदेश में हो रहे विकास को रेखांकित करते हुए इन चित्रों में 'नए उत्तर प्रदेश' की परिकल्पना को साकार किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस ऐतिहासिक पहल पर कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल और विविधता से भरा राज्य है, जहां अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी विशिष्ट बोलियां और भाषाएं हैं।

ऐसे में यह आवश्यक था कि प्रदेश की विधानसभा अपनी जनता से अधिक से अधिक जुड़ाव स्थापित करे। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देना जरूरी है। इससे न केवल जनप्रतिनिधियों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि आम नागरिक भी अपनी भाषा में विधानसभा की कार्यवाही सुन सकेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष श्री महाना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग और दिशा-निर्देशन में उत्तर प्रदेश विधानसभा जो प्रयास कर रही है, उसे पूरे देश की विधानसभाएं अपना रही हैं। यह पहल लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के बीच संवाद और अधिक प्रभावी और सहज हो सकेगा।

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