
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक को दी करोड़ो की सौगात, कहा - भारत को विकसित बनाने के लिए खेत और कारखानों का समृद्ध होना जरूरी
|बेंगलुरु।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कर्नाटक के यादगीर जिले के कोडेकल में सिंचाई, पेयजल और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जगह पर राजा वेंकटप्पा नायक का महान शासन इतिहास में एक अद्भुत निशान छोड़ गया है। मैं यादगिरि की ऐतिहासिक और विरासत भूमि को नमन करता हूं।सूरत-चेन्नई इकोनॉमी कॉरिडोर का हिस्सा जो कर्नाटक में पड़ता है, उस पर भी आज काम शुरू हुआ है। इससे यादगिर, रायचूर और कलबुर्गी सहित इस पूरे क्षेत्र में 'ईज ऑफ डूइंग' भी बढ़ेगी और रोजगारों को बल मिलेगा। विकास के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए कर्नाटक के लोगों को बहुत-बहुत बधाई।
आजादी के 'अमृतकाल' में हमें विकसित भारत का निर्माण करना है। भारत विकसित तब हो सकता है, जब देश का हर नागरिक, हर परिवार, हर राज्य इस अभियान से जुड़े।चल रही विकासात्मक परियोजनाएँ न केवल यादगीर, कालाबुरागी और रायचूर के क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाएंगी बल्कि उनमें रोजगार को भी मजबूत करेंगी। इसके लिए मैं कर्नाटक की जनता को हृदय से बधाई देता हूं।
विकास कार्य काबिले तारीफ
उत्तर कर्नाटक में जिस तरह से विकास कार्य हो रहा है वह काबिले तारीफ है। जैसा कि भारत ने अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं, अब समय आ गया है कि वह आने वाले समय में और अधिक मजबूत हौसलों के साथ आगे बढ़े।हमारी सरकार ने यादगीर सहित देश के 100 से अधिक ऐसे जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरु किया। हमने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया। विकास के हर पैमाने पर काम शुरु किया ।अगले 25 साल हर नागरिक के लिए, हर राज्य के लिए 'अमृत काल' हैं।भारत सही मायनों में विकसित देश बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा; और यह सभी के सामूहिक मार्च से ही साकार होगा - किसानों से लेकर व्यापारियों तक - सभी को आगे आना चाहिए और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।
खेत और कारखाना समृद्ध -
भारत तभी 'विकसित' बन सकता है, जब 'खेत' और 'कारखाने' दोनों समृद्ध हों।हमारे देश में दशकों तक करोड़ों छोटे किसान भी हर सुख-सुविधा से वंचित रहे, सरकारी नीतियों में उनका ध्यान तक नहीं रखा गया। आज यही छोटे किसान देश की कृषि नीति की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।इसे हटाना तो दूर पिछली सरकारों ने इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के बारे में सोचा भी नहीं था। उन्होंने यहां निवेश करने या यहां कोई बुनियादी ढांचा विकसित करने की जहमत नहीं उठाई।लेकिन उनकी तरह हमारी सरकार 'वोट बैंक की राजनीति' पर नहीं, बल्कि 'विकास, विकास और विकास' पर केंद्रित है।
यादगीर के साथ हम देश के 100 आकांक्षी जिलों में 'सुशासन' की संभावनाएं लेकर आए। 2014 के बाद से, विकास अभूतपूर्व रहा है। यादगिर दाल का कटोरा है, यहां की दालें देश भर में पहुंचती हैं। पिछले 7-8 वर्षों में अगर भारत ने दालों के लिए विदेशी निर्भरता को कम किया है तो इसमें उत्तर कर्नाटक के किसानों की बहुत बड़ी भूमिका है।केंद्र सरकार ने भी इन 8 वर्षों में किसानों से 80 गुना दाल MSP पर खरीदी है।2014 से पहले दाल के लिए किसानों को 100 करोड़ रुपए मिलते थे तो वहीं हमारी सरकार ने दाल किसानों को 60 हजार करोड़ा रुपए दिए हैं।
100% टीकाकरण
यादगीर में बच्चों का 100% टीकाकरण देखा गया है और क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है।क्षेत्र के 100% गांवों को सड़कें प्रदान की गई हैं और डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं।स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो या कनेक्टिविटी हो, यहां सब कुछ मजबूत हुआ है और यादगीर इस तरह देश के टॉप-10 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में बना हुआ है। यादगीर में जल सुरक्षा और फार्मा सेक्टर से जुड़े विकास को भी सुनिश्चित किया गया है।