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गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखेगी प्रलय मिसाइल, जानें इसकी ताकत और खासियत…
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कर्तव्य पथ पर भारत का 'प्रलय': गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार दिखेगी प्रलय मिसाइल, जानें इसकी ताकत और खासियत…

Swadesh Digital
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26 Jan 2025 8:01 AM IST

आज 76वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर देश की रक्षा शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का अभूतपूर्व संगम देखने को मिलेगा। इस खास अवसर पर देश की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी का नया प्रतीक प्रलय मिसाइल पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। यह मिसाइल भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का ऐसा उदाहरण है, जो दुश्मन के लिए वाकई "प्रलय" का कारण बन सकती है।

प्रलय मिसाइल: एक नजर इसकी अद्वितीय ताकत पर

  • मारक क्षमता: 150 से 500 किलोमीटर तक सटीकता से हमला करने की क्षमता।
  • वजन उठाने की ताकत: 500-1000 किलोग्राम तक के पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम।
  • उद्देश्य: सतह से सतह पर हमला करने वाली यह मिसाइल दुश्मन के इलाकों में अंदर तक घुसकर सटीक निशाना साध सकती है।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह मिसाइल भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है और इसका गणतंत्र दिवस पर प्रदर्शन भारत की आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली का परिचायक है।

कर्तव्य पथ पर होगी ऐतिहासिक परेड

इस साल की गणतंत्र दिवस परेड का खास आकर्षण देश की सैन्य शक्ति के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रदर्शन होगा।

  • 300 कलाकार: परेड की शुरुआत 'सारे जहां से अच्छा' की धुन पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ होगी।
  • 5 हजार कलाकार: कर्तव्य पथ पर भारत की विकास यात्रा और संस्कृति को जीवंत करेंगे।
  • झांकियां: 31 झांकियों में 16 राज्यों और केंद्र सरकार के 15 मंत्रालयों की झलक होगी।

विशेष झांकियां और सैन्य ताकत का प्रदर्शन

इस साल की परेड में भारत की आत्मनिर्भर सैन्य शक्ति के कई प्रमुख उपकरण शामिल होंगे:

  • प्रलय मिसाइल: दुश्मन के लिए सबसे बड़ा खतरा।
  • ब्रह्मोस मिसाइल: सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल।
  • मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर: युद्ध के मैदान में विनाशकारी।
  • टी-90 टैंक और नाग मिसाइलें: भारत की ताकत का मुख्य आधार।

राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह 9 बजे कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर समारोह का शुभारंभ करेंगी। इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य प्रमुख नेता भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

भारत की सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव

इस साल की परेड भारतीय संविधान के 75 वर्षों को समर्पित है। झांकियों में भारत के स्वतंत्रता संग्राम, सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक विकास को दर्शाया जाएगा।

प्रलय का शामिल होना क्यों खास है?

प्रलय मिसाइल का प्रदर्शन भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन में नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। यह कदम न केवल हमारी सैन्य ताकत को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इस गणतंत्र दिवस पर प्रलय का कर्तव्य पथ पर दिखना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण होगा। यह देशवासियों को आत्मविश्वास से भर देगा और दुनिया को भारत की बढ़ती ताकत का एहसास कराएगा।

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