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सावन सोमवार के दिन इस नियम से करें रुद्राभिषेक, जानिए इस दौरान किस बातों का रखें ध्यान
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सावन सोमवार के दिन इस नियम से करें रुद्राभिषेक, जानिए इस दौरान किस बातों का रखें ध्यान

Deepika Pal
|
20 July 2024 11:19 PM IST

सावन के महीने में घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक करने का महत्व होता है। इस साल शिव भक्तों को भोलेनाथ (Shiv ji) की आराधना करने के लिए 29 दिन का समय मिलेगा।

Sawan Somvar 2024: सावन का महीना जहां पर चल रहा है इस पावन महीने में सोमवार व्रत की महिमा होती है। शिव भक्त इस दौरान भक्ति भाव से भगवान शिव की आराधना करते है। सावन के महीने में घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक करने का महत्व होता है। इस साल शिव भक्तों को भोलेनाथ (Shiv ji) की आराधना करने के लिए 29 दिन का समय मिलेगा। शिव पुराण में कहते है कि, शिव के रूद्र अवतार का विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

जानिए सावन में रुद्राभिषेक करने का महत्व

शास्त्रों के अनुसार , सावन में रुद्राभिषेक करने का महत्व होता है। शिव के रूद्र अवतार का विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक करने से धन में बढ़ोत्तरी होती है। सावन में रुद्राभिषेक करना कालसर्प दोष (Kaal sarp dosh) दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है. राहु (Rahu) और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

जानिए कैसे करें रुद्राभिषेक

  • सावन के महीने में सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने की विधि आसान होती है जो इस प्रकार हैं...
  • सावन सोमवार पर आप मंदिर या घर पर भी शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं।
  • रुद्राभिषेक से पूर्व भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करें।
  • रुद्राभिषेक कर रहे हैं उनका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
  • श्रृंगी (अभिषेक करने का यंत्र) में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • अब दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र महादेव को चढ़ाएं।
  • अब सफेद चंदन का लेप बनाकर शिवलिंग का श्रृंगार करें।
  • शिव को प्रिय वस्तु पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, भस्म, नारियल आदि उन्हें अर्पित करें और भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • अंत में आरती करें और अभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़क दें।
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