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Lead Story
गुलाम के कांग्रेस से आजाद होते ही बिखर गई पार्टी, अब तक 100 इस्तीफे, पड़ोसी राज्यों में भी दिख सकता है असर
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गुलाम के कांग्रेस से आजाद होते ही बिखर गई पार्टी, अब तक 100 इस्तीफे, पड़ोसी राज्यों में भी दिख सकता है असर

स्वदेश डेस्क
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31 Aug 2022 6:30 PM IST

नईदिल्ली। जम्मू कश्मीर में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद से कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई है।मंगलवार को आजाद के समर्थन में पूर्व उपमुख्यमंत्री समेत 65 नेताओं ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज 42 नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। ये सभी नेता आगामी दिनों में गुलाम नबी की पार्टी में शामिल होंगे।

जानकारी के अनुसार, गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी को बनाने की कोशिशें शुरू कर दी है। वह आगामी 4 सितंबर को श्रीनगर में एक रैली का आयोजन कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है की आजाद इसी दिन अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर सकते है। बता दें की 4 सितंबर का दिन कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद अहम है। राहुल गांधी इसी दिन महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली को संबोधित करेंगे। ऐसे में उसी दिन अपनी पार्टी का ऐलान और शक्ति प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट करेंगे।

गुपकार गठबंधन को धक्का -

जम्मू कश्मीर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में इस तरह की बगावत से कांग्रेस और गुपकार गठबंधन की सत्ता में पहुंचने की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा है। हालांकि कांग्रेस अपने बचे छुटभैये नेताओं को आगे कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है लेकिन सियासी गलियारों में जारी चर्चाओं से स्पष्ट है की जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और गुपकार गठबंधन की उम्म्मीदों का अंत हो गया है। आजाद के समर्थकों का कहना है गुलाम की पार्टी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जो रही सही कसर को भी पूरा कर देगी।

पडोसी राज्यों पर असर -

बता दें की आजाद का जाना कांग्रेस के लिए जम्मू-कश्मीर में ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी राज्यों में भी नुकसान देह साबित हो सकता है क्योंकि मंगलवार को भूपिंदर सिंह हुड्डा और आनंद शर्मा जैसे दिग्गज कांग्रेसियों ने दिल्ली में आजाद से मुलाकात की थी। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि ये नेता भी आने वाले दिनों में कांग्रेस को कुछ झटके दे सकते हैं। यदि इन नेताओं ने पार्टी छोड़ी तो हिमाचल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव की कांग्रेस की तैयारियों को बड़ा झटका लगेगा उसे नए सिरे से रणनीति तैयार करनी होगी।

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