< Back
Lead Story
तीनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग बढ़ाना मुख्य उद्देश्य : जनरल मनोज पांडे
Lead Story

तीनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग बढ़ाना मुख्य उद्देश्य : जनरल मनोज पांडे

स्वदेश डेस्क
|
1 May 2022 1:00 PM IST

नए सेना प्रमुख को साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया

नईदिल्ली। नए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को भारतीय सेना के 29वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद रविवार को साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इससे पहले जनरल पांडे ने पूर्वी सेना कमांडर की भूमिका निभाई और चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमाओं की देखभाल की।

जनरल पांडे अब तक उप थल सेनाध्यक्ष का पद संभाल रहे थे। वह थल सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं। सेनाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने पर जनरल मनोज पांडे ने साउथ ब्लॉक के लॉन में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की। सीओएएस ने बेदाग और प्रभावशाली परेड के लिए गार्ड की सराहना की।

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश की चुनौतियों का सामना करने के लिए उच्चस्तरीय परिचालन तैयारियां सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे थल सेना के नेतृत्व का दायित्व सौंपा जा रहा है जिसे मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास रहा है जिसने देश की सुरक्षा और अखंडता को कायम रखने का बखूबी काम किया है। उसी प्रकार थलसेना का देश निर्माण में उतना ही योगदान रहा है। मैं देशवासियों को आश्वासन देना चाहता हूं कि भारतीय सेना स्वतंत्रता, स्वाधीनता और समानता पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मेरी कोशिश पूर्व अधिकारियों के अच्छे काम को आगे बढ़ाने की रहेगी।

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि क्षमता विकास और बल आधुनिकीकरण के संदर्भ में मेरा प्रयास स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भर भारत की प्रक्रिया के माध्यम से नई तकनीकों का लाभ उठाने का होगा। मैं अन्य दो सेना प्रमुखों को अच्छी तरह से जानता हूं। यह तीनों सेवाओं के बीच तालमेल, सहयोग और संयुक्तता की अच्छी शुरुआत है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम तीनों मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए चीजों को आगे बढ़ाएंगे।सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मीडिया से कहा कि भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही हैं। हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, इसलिए भारतीय सेना का कर्तव्य है कि वह सभी सहयोगी सेवाओं के साथ समन्वय में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे। भारतीय सेना के सभी अधिकारियों को करियर और पेशेवर विकास के लिए समान अवसर मिलते हैं। वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर सभी अधिकारी युद्ध के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षित और उन्मुख होते हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए परिचालन तैयारियों के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना होगा। मैं सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए चल रहे सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं ताकि सेना की परिचालन और कार्यात्मक दक्षता को बढ़ाया जा सके। तीनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग बढ़ाना भी मेरा मुख्य उद्देश्य होगा।

Related Tags :
Similar Posts