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Lead Story
दृढ़ संकल्प, सजगता, धैर्य व सामूहिक प्रयासों से कोरोना संकट पर निश्चित ही विजय प्राप्त होगी: मोहनजी भागवत
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दृढ़ संकल्प, सजगता, धैर्य व सामूहिक प्रयासों से कोरोना संकट पर निश्चित ही विजय प्राप्त होगी: मोहनजी भागवत

स्वदेश डेस्क
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15 May 2021 9:04 PM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालक श्री मोहन जी भागवत ने आज कहा कि दृढ़ संकल्प, सतत प्रयास व धैर्य के साथ भारतीय समाज कोरोना पर निश्चित ही विजय प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह समय गुण—दोषों के बारे में चर्चा करने का नहीं है बल्कि इस समय समाज के सभी वर्गों को एक साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे ताकि इस संकट से हम पार पा सकें।

उक्त विचार श्री भागवत ने हम जीतेंगे— पाजिटीविटी अनलिमिटेड व्याख्यानमाला के पांचवें व अंतिम दिन अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सब लोग परस्पर एक टीम बन कर काम करेंगे तो सामूहिकता के बल पर हम अपनी और समाज की गति बढ़ा सकते हैं। इस समय अपने सारे मतभेद भुलाकर हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा।

अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा आदि पर गहरा प्रभाव पड़ा -


भागवत ने कहा कि पहली लहर के बाद हम गफलत में आ गए और अब तीसरी लहर आने की बात हो रही है। इससे अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा आदि पर गहरा प्रभाव पड़ा है। आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था पर और असर पड़ सकता है, इसलिए इसकी तैयारी हमें अभी से करनी होगी। भविष्य की इन चुनौतियों की चर्चा से घबराना नहीं है बल्कि ये चर्चा इसलिए जरूरी है ताकि हम आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए समय रहते तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा कि स्वयं को सजग, सक्रिय व स्वस्थ रखते हुए धैर्य व अनुशासन के साथ हमें सेवा कार्यों में जुटना चाहिए। कोरोना के रोगियों को अस्पतालों में बिस्तर,ऑक्सीजन आदि उपलब्ध हों, इसके प्रयास करने चाहिए। सेवा कार्यों में लगे संगठनों को सहयोग करना चाहिए। अपने आस—पास के उन परिवारों की चिंता करनी चाहिए जिन पर आर्थिक संकट है। घर पर खाली न बैठें, कुछ नया सीखें, परिवारों में संवाद बढ़ाएं।

भारत में कई विपत्तियां आईं -



भागवत ने कहा कि यश—अपयश को पचा कर लगातार आगे बढ़ने की हिम्मत रखनी होगी। भारत एक प्राचीन राष्ट्र है तथा इस पर पूर्व में कई विपत्तियां आईं। लेकिन हर बार हमने उन पर विजय प्राप्त की है, इस बार भी हम विजय प्राप्त करेंगे। इसके लिए हमें अपने शरीर से कोरोना को बाहर रखना है तथा मन को सकारात्मक रखना है। इन कठिन परिस्थितियों में निराशा की नहीं बल्कि इससे लड़कर जीतने का संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ऐसी बाधाओं को लांघ कर मानवता पहले भी आगे बढ़ी है और अब भी आगे बढ़ती रहेगी।

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