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Lead Story
सेना की गुप्त सूचना ISI को भेजने के आरोपी को NIA कोर्ट ने सुनाई 6 साल कैद की सजा

सेना की गुप्त सूचना ISI को भेजने के आरोपी को NIA कोर्ट ने सुनाई 6 साल कैद की सजा

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Army Espionage Case: मोहम्मद राशिद राजक भाई कुम्भर को 6 साल की कैद, ISI को भेजते थे सेना की कॉन्फिडेंशियल जानकारी

Deeksha Mehra
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24 Oct 2024 10:08 AM IST

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। भारतीय सेना की गुप्त सूचना पाकिस्तान के साथ साझा करके देश और सेना की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने के मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद राशिद और राशिद का साथ देने वाला आरोपी राजक भाई कुम्भर को छह साल की कैद की सजा सुनाई गई है। एनआइए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दोनों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया है।

ऐसे हुआ साजिश का पर्दाफाश

यह मामला तब शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी गई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि यह व्यक्ति मोबाइल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के संपर्क में था। उसने संवेदनशील क्षेत्रों की तस्वीरें, आर्मी मूवमेंट की जानकारी और अधिकारियों की तस्वीरें भेजी थीं। मामले की जांच एटीएस (ATS) के दरोगा रितेश कुमार सिंह ने शुरू की थी। ATS अफसर रितेश ने इसकी गंभीरता को समझा और सूचना को आगे बड़े अधिकारियों को फॉरवर्ड किया। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई।

जांच में पता चला कि चंदौली निवासी मोहम्मद राशिद आईएसआई एजेंट (ISI agent) के साथ गहरे संबंध में था। उसकी पाकिस्तान में रिश्तेदारी थी, और वह कई पाकिस्तानी लोगों से संपर्क में रहकर उन्हें महत्वपूर्ण सूचनाएं भेजता था। जब पुलिस ने राशिद के फोन को खंगाला तो उसमें पाकिस्तानी नंबर, सामरिक तस्वीरें और बातचीत की ऑडियो क्लिप मिलीं। यह सब जानकारी एनआईए को सौंप दी गई। इसके बाद NIA ने इस मामले की गहन जांच शुरू की।

एनआईए की जांच में खुले राज

एनआईए की जांच के दौरान पता चला की आरोपी राशिद के साथ इस साजिश में गुजरात का रजकभाई कुम्भर भी शामिल था। एनआईए ने 16 जुलाई 2020 को आरोपी राशिद के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीते 6 मार्च को आरोपित राशिद को सजा और जुर्माने से दंडित किया था।

एनआईए ने रजक भाई कुम्भर के खिलाफ साजिश रचने के मामले में फरवरी 2021 में पूरक चार्जशीट दाखिल की। राजक भाई कुम्भर ने कोर्ट के सामने अपने अपराध को स्वीकार किया, जिसके बाद उसे सजा सुनाई गई।

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