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दलाई लामा से मुलाकात फिर राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर बयान, क्या अमेरिका के रुख पर बढ़ेगी चीन की चिंता

Dalai Lama Met High Level US Congress Delegation

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दलाई लामा से मुलाकात फिर राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर बयान, क्या अमेरिका के रुख पर बढ़ेगी चीन की चिंता

Gurjeet Kaur
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19 Jun 2024 12:40 PM IST

Dalai Lama Met High Level US Congress Delegation : मुलाकात के बाद नैन्सी पेलोसी ने जो बयान दिया उससे चीन को आपत्ति हो सकती है।

Dalai Lama Met High Level US Congress Delegation : हिमाचल प्रदेश में जो हो तरह है उससे चीन की कम्युनिस्ट सरकार का दिन का चैन और रातों की नींद उड़ी जरूर होगी। जो हो रहा है उसे नजरअंदाज भी तो नहीं किया जा सकता। अमेरिका कांग्रेस का हाई लेवल डेलिगेशन भारत आया हुआ है। इसमें नैन्सी पेलोसी समेत ग्रेगरी मीक्स भी शामिल हैं। सभी ने बुधवार को तिबत्ती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद नैन्सी पेलोसी ने जो बयान दिया उससे चीन को आपत्ति हो सकती है। जानते हैं आखिर ऐसा क्या बोल गई नैन्सी पेलोसी।

दलाई लामा ने आज (19 जून) धर्मशाला में अपने आवास पर अमेरिकी कांग्रेसी माइकल मैककॉल के नेतृत्व में आए उच्च स्तरीय अमेरिकी कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। उनकी इस मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर की गई है। मुलाकात के बाद अमेरिका से आये इस हाई लेवल डेलिगेशन से सदस्यों ने बयान दिए।

अमेरिकी सदन की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा "परम पावन दलाई लामा अपने ज्ञान, परंपरा, करुणा, आत्मा की पवित्रता और प्रेम के संदेश के साथ लंबे समय तक जीवित रहेंगे और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी लेकिन आप, चीन के राष्ट्रपति, आप चले जाएंगे और कोई भी आपको किसी भी चीज का श्रेय नहीं देगा। मैं चीनी सरकार की आलोचना करती हूं, तो वे कहते हैं, चलो नैन्सी के लिए प्रार्थना करें कि वह अपने नकारात्मक दृष्टिकोण से छुटकारा पाएं। मुझे उम्मीद है कि वे आज मुझे यह कहने की अनुमति देंगे कि बदलाव आने वाला है। जैसा कि हमारे सहयोगियों ने कहा है कि आशा कुछ विश्वास लाती है और दूसरों की भलाई में तिब्बती लोगों का विश्वास ही सब कुछ बदल देगा।"

तिब्बतियों को स्वतंत्रता मिले :

अमेरिकी प्रतिनिधि कांग्रेसी ग्रेगरी मीक्स ने कहा, "चीन चाहे तो अपनी नाखुशी जाहिर कर सकता है। हम जो सही है उसके लिए खड़े होंगे। सही यह है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि तिब्बतियों को स्वतंत्रता मिले। वे अपनी जन्मभूमि पर वापस लौट सकें और अपनी संस्कृति और इतिहास को बनाए रख सकें... यही सबसे महत्वपूर्ण है।"

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