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Lead Story
Justice Suresh Kumar Kait

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Lead Story

Justice Suresh Kumar Kait: मध्य प्रदेश के 28वें जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने ली शपथ, तो कांग्रेस ने कर दी ये मांग

Deeksha Mehra
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25 Sept 2024 12:16 PM IST

Justice Suresh Kumar Kait : जबलपुर। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने बुधवार को मध्य प्रदेश के 28वें चीफ जस्टिस की शपथ ली। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई है। इस दौरान सीएम मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्य सचिव वीरा राणा सहित कई बड़े नेता और अधिकारी मौजूद रहे। जस्टिस सुरेश कुमार कैत के शपथ लेने के बाद कांग्रेस ने एक मांग कर दी है।

मई में खाली हो गया था चीफ जस्टिस का पद

मध्य प्रदेश चीफ जस्टिस का पद 24 मई 2024 से खाली है। जस्टिस रवि मलिमठ के रिटायर होने के बाद पहले जस्टिस शील नागू, फिर जस्टिस संजीव सचदेवा एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे। जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने जस्टिस जीएस संधूवालिया को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की अनुशंसा की थी। बाद में इसे संशोधित कर 17 सितंबर को जस्टिस कैत के नाम की अनुशंसा की गई। इस पद पर उनका कार्यकाल 6 महीने का होगा।

कांग्रेस ने की यह मांग

दरअसल, कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने जस्टिस सुरेश कुमार कैत को मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस बनने पर बधाई दी है। इसके साथ ही उन्होंने एक मांग की। उन्होंने X पर लिखा कि सर्वोच्च न्यायालय कॉलेज़ियम को बधाई। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में , 1956 स्थापना के पश्चात, पहली बार एक विद्वान् दलित जज , माननीय जस्टिस क़ैत हमारे प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश ( चीफ जस्टिस ) के पद ग्रहण करेंगे। अगली बार आदिवासी हो तो जस्टिस सिस्टम की प्रति विश्वास और बढ़ेगा।

कौन हैं जस्टिस सुरेश कुमार कैत

जस्टिस सुरेश कुमार कैत का जन्म हरियाणा के कैथल जिले के काकौत गांव में हुआ था। उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के दौरान वे NSS में यूनिट लीडर बने थे। इसके अलावा वें छात्र संघ के संयुक्त सचिव भी रहे। 1989 में उन्होंने वकील के तौर पर पंजीकृत कराया इसके बाद साल 2004 में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया। वे यूपीएससी और रेलवे के पैनल वकील रह चुके हैं। 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्ति के बाद 2013 में प्रमोशन पाकर परमानेंट जज बने। गौरतलब है कि जस्टिस सुरेश कुमार कैत दिल्ली के जामिया हिंसा और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर चुके हैं।

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