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Lead Story
White Tiger: दुनिया का सबसे पहला सफेद बाघ मोहन, रविवार को मांस से रखता था दूरी, पीता बस दूध
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White Tiger: दुनिया का सबसे पहला सफेद बाघ मोहन, रविवार को मांस से रखता था दूरी, पीता बस दूध

Deepika Pal
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28 July 2024 5:59 PM IST

आपने सफेद बाघ (White Tiger) तो देखें होगे लेकिन आपको पता है आखिर यह बाघ कहां से आए दरअसल मध्यप्रदेश के रीवा से एक सफेद बाघ का नाम जाना जाता है जिसका नाम है मोहन।

First White Tiger Mohan: दुनिया भर में 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day 2024) मनाया जाएगा जो बाघों की प्रजाति और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मनाते है। हमारा भारत देश वन्य जीव और संस्कृति से परिपूर्ण देश जहां पर बाघ को राष्ट्रीय पशु के नाम से जाना जाता है। आपने सफेद बाघ (White Tiger) तो देखें होगे लेकिन आपको पता है आखिर यह बाघ कहां से आए दरअसल मध्यप्रदेश के रीवा से एक सफेद बाघ का नाम जाना जाता है जिसका नाम है मोहन। इस सफेद बाघ को दुनियाभर के सफेद बाघ का वंशज माना जाता है।

रीवा के महाराजा से है मोहन का संबंध

दुनिया के पहले सफेद बाघ की कहानी की शुरुआत 1951 से मानी जाती है जहां पर सीधी (Sidhi) जिले के बरगढ़ी के पंखोरा के जंगल में पकड़ा गया था। रीवा में उस दौरान के महाराजा मार्तंड सिंह जोधपुर के राजा अजीत सिंह के साथ सीधी जिले के बरगढ़ी के पंखोरा जंगल में शिकार खेलने गए थे इसी दौरान एक गुफा के पास एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ नजर आई।महाराजा ने बाघिन और उसके दो शावको को मार दिया लेकिन राजा के शिकार के हाथों तीसरा शावक छूट गया और वो पास में ही एक गुफा में छिप गया, वह देखने में बिल्कुल अद्भुत था इस वजह से महाराज से उसे अपने साथ ले जाने का फैसला किया और गोविंदगढ़ के किले में लाया जिसका नाम 'मोहन' दिया गया।

मोहन को मिलता था सम्मान

बताया जाता हैं कि, राजा मार्तंड सिंह और मोहन का संबंध प्रगाढ़ था जहां पर महाराज अपना काफी समय गोविंदगढ़ के किले में मोहन को देते थे। उसके साथ फुटबॉल खेलते थे. ऊंचाई पर महाराज होते थे, बाड़े में मोहन, इतना ही नहीं कहा जाता हैं कि , मोहन को लोग नाम से नहीं बुलाते थे बल्कि जी कहकर सम्मान देते थे। बाघ मोहन की खासियत थी कि रविवार के दिन मांस नहीं खाता था। रविवार के दिन केवल दूध दिया जाता था।

सफेद शेर है मोहन की संतानें

बताया जाता हैं कि, मोहन बाघ को सफेद शेर का पिता मानते हैं जहां पर रीवा महाराज मार्तंड सिंह के गोविंदगढ़ के किले में रहने के दौरान मोहन को तीन बाघिन बेगम, राधा और सुकेसी के साथ अलग - अलग रखा गया था जिसमें कुल 34 संतानें हुईं जिसमें से 21 सफेद थीं. बेगम ने 7 बच्चों को जन्म दिया, राधा ने सर्वाधिक 14 और सुकेसी ने 13 बच्चों को जन्म दिया। दुनिया भर में जो भी सफेद बाघ दिखाई देते है वे सब मोहन बाघ की संतानें हैं।

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