< Back
Lead Story
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने के जानिए नियम, पितरों को समर्पित होती अमावस्या
Lead Story

Mouni Amavasya: मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने के जानिए नियम, पितरों को समर्पित होती अमावस्या

Deepika Pal
|
8 Jan 2025 10:41 PM IST

मौनी अमावस्या में व्रत करने वाले को मौन रहना होता हैं। वही पर इस बार माघ माह की मौनी अमावस्या 29 फरवरी 2025 के दिन मनाई जाएगी।

Magh Mouni Amavasya: हिन्दू धर्म में सभी व्रत और त्योहार का महत्व होता हैं इसमें ही माघ मास में मौनी अमावस्या मनाई जाती हैं। जो लोग पितृ दोष से पीड़ित हैं, उन्हें अमावस्या तिथि पर अपने पितरों के निमित्त दान-पुण्य करना चाहिए। माघ मास में कुंभ का महत्व होता है। कहते है कि, इस अमावस्या में व्रत करने वाले को मौन रहना होता हैं। वही पर इस बार माघ माह की मौनी अमावस्या 29 फरवरी 2025 के दिन मनाई जाएगी।

क्यों रहना होता है इस व्रत में मौन

आपको बताते चलें कि, मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखते है ऐसा क्यों होता है।मौनी शब्द का अर्थ है मौन यानी चुप रहना. धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से मन शांत, नियंत्रित और केंद्रित रहता है. अमावस्या के दिन चंद्रमा न दिखाई देने पर इस दिन मौन व्रत रखने से मन और वाणी को शुद्धि मिलती है।

मौन व्रत रखने से क्या होता है

आपको बताते चलें कि, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मौन रखने का महत्व होता है चलिए जानते है...

ज्योतिष में चंद्रदेव को मन का कारक माना जाता है. अमावस्या के दिन चंद्रमा उदय नहीं होता है और चंद्रमा के न निकलने पर मन की स्थिति बिगड़ सकती है. ऐसे में मन को एकाग्र और नियंत्रित करने के लिए इस दिन मौन व्रत रखा जाता है।

वाणी की शुद्धता

आपको बताते चलें कि, मौन रहने से व्यक्ति का मन शांत होता है और शांत मन से ध्यान करने में आसानी होती है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, मौन व्रत रखने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

Similar Posts