< Back
Lead Story
जानिए मध्य प्रदेश के इस चमत्कारी सूरजकुंड के बारे में, बस पानी पीने से मिट जाते है रोग
Lead Story

जानिए मध्य प्रदेश के इस चमत्कारी सूरजकुंड के बारे में, बस पानी पीने से मिट जाते है रोग

Deepika Pal
|
23 May 2024 10:49 PM IST

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में है जहां पर चमत्कारी सूरजकुंड (Surajkund) का पानी पीने से कई बड़ी बीमारियां दूर रहती है।

MP Surajkund: मध्य प्रदेश में कई जगह ऐसी है जहां पर कई परंपरा और मान्यताओं को आज भी माना जाता है ऐसा ही मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में है जहां पर चमत्कारी सूरजकुंड (Surajkund) का पानी पीने से कई बड़ी बीमारियां दूर रहती है। इतना ही नहीं मान्यता है कि यहां पर पानी को पीने और इसमें हाथ पैर धोने से रोगी का चर्मरोग ठीक हो जाते हैं। आखिर कैसी है ये अनोखी परंपरा चलिए जानते हैं इसके बारे में।

जानिए इस चमत्कारी कुंड के बारे में

मध्य प्रदेश का यह प्रसिद्ध सूरजकुंड ग्वालियर दुर्ग पर स्थित है जिसे हर कोई सूरजकुंड के नाम से जानते हैं इस कुंड का निर्माण लगभग 8वीं शताब्दी के दौरान तत्कालीन राजा सूरजसेन द्वारा करवाया गया था। इसे लेकर एक कहानी जुड़ी है जहां आज यह तालाब है वहां पर एक घना जंगल हुआ करता था। एक बार राजा सूरज सेन शिकार खेलते खेलते वहां तक आ गए और उन्हे प्यास लगी तो उन्होने देखा कि एक ऋषि ध्यान मग्न बैठे हुए हैं तो वे उन महात्मा के पास गए और उनसे पीने के लिए पानी मांगा तो महात्मा ने पानी दिया और राजा वहीं कुछ देर आराम करने लगे. उस दौरान महात्मा ने देखा कि राजा किसी प्रकार के चर्मरोग से पीड़ित है। महात्मा ने उनसे कहा पास ही एक कुंडी से जल से हाथ पांव धोने को कहा उस कुंडी से निकलने वाले जल से हाथ पांव धोने से एक तरफ जहां राजा की थकावट दूर हुई वहीं दूसरी तरफ उनका त्वचा संबधी रोग भी ठीक हो गया।

राजा ने किया कुंड का निर्माण

राजा ने अपने साथ हुए इस चमत्कार पर विश्वास किया और विचार किया कि इस तरह जल से न जाने कितने लोग चर्म रोग से पीड़ित ठीक हो सकते हैं। इस बात को उन्होंने महात्मा को बताई और महात्मा ने हामी भर दी और उन्होने उस कुंडी से निकलने वाले जल को संरक्षित करने के लिए एक लगभग 22 मीटर गहरे तालाब का निर्माण करवाया. साथ ही बांउड्री करवाकर उसके एक बावड़ी का भी रूप प्रदान किया जो आज भी देखने के लिए मिलती है।

लोगों को मिला है कुंड के जल से फायदा

ग्वालियर में स्थित है सूरजकुंड में आज भी लोगों का तांता नजर आता है। तालाब में जाने के दो मुख्य मार्ग हैं जिसकी देखरेख कर रहें रजनी ने बताया किउन्होंने बताया कि आज भी लोग हर रविवार को यहां आते हैं. इसी आस में कि इस कुंड में नहाकर या पानी में हाथ पांव धोने से उनका भी रोग ठीक हो जाए. और कई लोग ठीक भी हुए हैं। वहीं इसकी साफ सफाई नहीं होने से गंदगी नजर आती हैं।

Similar Posts