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खड़गे ने शाह की बर्खास्तगी की मांग की तो वहीं गृह मंत्री ने कांग्रेस पर किया तीखा हमला…
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अंबेडकर विवाद पर सियासत गरम: खड़गे ने शाह की बर्खास्तगी की मांग की तो वहीं गृह मंत्री ने कांग्रेस पर किया तीखा हमला…

Swadesh Digital
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18 Dec 2024 6:06 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में बुधवार का दिन अंबेडकर विवाद को लेकर तीखी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के नाम रहा। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर विवाद अब और भी गहरा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि शाह को बुधवार रात 12 बजे तक बर्खास्त किया जाए, अन्यथा कांग्रेस देशभर में बड़े प्रदर्शन करेगी।

क्या है विवाद?

मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, कि "आजकल एक फैशन बन गया है, अंबेडकर-अंबेडकर... अगर भगवान का नाम इतना लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।" इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने इसे डॉ. अंबेडकर का अपमान बताते हुए गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग तेज कर दी।

खड़गे का बयान

बुधवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री मोदी से शाह की बर्खास्तगी की मांग की। खड़गे ने कहा, "मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों का बचाव कर रहे हैं। शाह की टिप्पणी ने डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है, और यह अस्वीकार्य है। अगर शाह को बर्खास्त नहीं किया गया, तो कांग्रेस देशभर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।"

गृहमंत्री अमित शाह का पलटवार

कांग्रेस के आरोपों के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, जो आरक्षण, संविधान और सावरकर का अपमान करती रही है। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान संविधान की धज्जियां उड़ाईं और लोकतंत्र का गला घोंटा। कांग्रेस को किसी भी तरह से डॉ. अंबेडकर के नाम का राजनीतिक उपयोग बंद करना चाहिए।"

संसद से सड़क तक सियासत गरम

यह विवाद संसद से सड़क तक फैल चुका है। कांग्रेस ने गृह मंत्री के बयान को डॉ. अंबेडकर के प्रति अनादर का प्रतीक बताया है। वहीं, बीजेपी इसे कांग्रेस की ओछी राजनीति बता रही है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस को संसद जैसे पवित्र मंच पर सत्य और तथ्य के साथ बात करनी चाहिए, न कि झूठे आरोप लगाने चाहिए।

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