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Brain Eating Amoeba: केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा ने ली बच्चे की जान,जानें इसके लक्षण
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Brain Eating Amoeba: केरल में ब्रेन ईटिंग अमीबा ने ली बच्चे की जान,जानें इसके लक्षण

Puja Roy
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5 July 2024 3:20 PM IST

Brain Eating Amoeba:वाटर पार्क और स्वीमिंग करने वाले हो जाएं सतर्क।

Brain Eating Amoeba:केरल में एक विचित्र घटना सामने आई है, जहां एक 14 साल के बच्चे की मौत नेगलेरिया फाउलेरी नामक घातक अमीबा के मस्तिष्क में प्रवेश करने से हुई है। इस अमीबा के कारण अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। इस खतरनाक बीमारी को सामान्य भाषा में दिमाग को खाने वाला अमीबा कहा जाता है, जबकि मेडिकल भाषा में इसे Primary amoebic meningoencephalitis कहा जाता है। पिछले दो महीनों में केरल में इस दुर्लभ और घातक संक्रमण से यह तीसरी मौत है।आइए जानते हैं कि यह संक्रमण क्या है।इसके लक्षण क्या होते हैं, और इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है।

Brain Eating Amoeba क्या है

नेगलेरिया फाउलेरी एक फ्री-लिविंग अमीबा है, जिसे आमतौर पर Brain Eating Amoeba कहा जाता है। यह अमीबा गर्म मीठे पानी के तालाबों आदि में पाया जाता है। यह नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित कर देता है, जो जानलेवा हो सकता है।

Brain Eating Amoeba जिसे दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है, दिमाग के टिश्यूज को नुकसान पहुंचाकर ब्रेन इन्फेक्शन का कारण बनता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, यह अमीबा कई बार गंदे स्वीमिंग पूल आदि में भी पाया जा सकता है। इसके संक्रमण के दो से 15 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

क्या हैं लक्षण

इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो शुरुआती लक्षण आमतौर पर फ्लू की तरह होते हैं, जैसे सिरदर्द, बुखार, मतली, और उल्टी। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, समस्याएं गंभीर हो सकती हैं, जिसमें गर्दन में अकड़न, भ्रम, दौरे, और कोमा जैसी मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं शामिल हैं। ये लक्षण दूषित पानी के संपर्क में आने के एक से 12 दिनों के भीतर शुरू होते हैं और तेजी से बढ़ सकते हैं।जिससे संक्रमण पांच से 18 दिनों के भीतर घातक हो सकता है।

कैसे करें बचाव

नेगलेरिया फाउलेरी संक्रमण से बचने के लिए लोगों को झरना, नदी, या झील में तैरते समय नाक पर क्लिप लगानी चाहिए। गोता लगाते समय नाक को पकड़कर रखें। गर्म झरनों में तैरते समय अपना सिर हमेशा पानी के ऊपर रखें। शैलो वॉटर में तैराकी न करें, क्योंकि वहां अमीबा के होने की संभावना अधिक होती है। नाक को साफ करने के लिए डिस्टिल्ड वॉटर या उबला हुआ पानी का उपयोग करें। गंदे तालाब, नहर, या नदी में नहाने से बचें, खासकर बारिश के मौसम में।

केरल में अलर्ट जारी

केरल में इस बढ़ते संक्रामक रोग को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधान करते हुए सलाह दी है कि बच्चे तालाब या ठहरे हुए पानी में न नहाएं। स्विमिंग पूल और वाटर थीम पार्क के पानी को नियमित रूप से क्लोरीनेट करना भी आवश्यक है। दूषित पानी के संपर्क में आने से इस संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।




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