< Back
Lead Story
30 साल बाद दोहराया इतिहास, पिता के बाद बेटे ने संभाला उड्डयन मंत्रालय
Lead Story

30 साल बाद दोहराया इतिहास, पिता के बाद बेटे ने संभाला उड्डयन मंत्रालय

Prashant Parihar
|
9 July 2021 12:18 PM IST

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संभाला नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद आज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंत्रालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया। खास बात ये है की 30 साल पहले उनके पिता माधवराव सिंधिया को भी पीवी नरसिम्हा राव सरकार में यही मंत्रालय दिया गया था। पिता के बाद बेटे द्वारा उसी मंत्रालय को संभालने का ये देश में पहला मामला है।


ग्वालियर के राजघराने से संबंध रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पांचवीं बार संसद पहुंचे है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पिता माधवराव सिंधिया के राजनितिक सफर को देखें तो अब तक एक समान ही रहा है। माधवराव सिंधिया भी कैबिनेट और नागरिक उड्डयन मंत्री बनने से पहले राजीव गांधी सरकार में राज्य मंत्री रहे थे। वहीँ ज्योतिरादित्य भी मनमोहन सिंह की सरकार में राज्यमंत्री के रूप में संचार और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय संभाल चुके है।ज्योतिरादित्य को देश में डाक व्यवस्था का सुधारक कहा जाता है। उन्हें स्पीड पोस्ट व्यवस्था में सुधार कर इस सेवा को पुनर्जीवित करने का श्रेय जाता है।

पिता के सपनों को पूरा करने का मौका -

पिता के बाद उसी मंत्रालय का भार मिलने पर सभी लोग माधवराव के उड्डयन सेवाओं से जुड़े अधूरे सपनों को पूरा होने की उम्मीद जता रहें है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और मप्र सरकार में मंत्री यशोधरा राजे ने ट्वीट कर बधाई देते हुए इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा - " जिस पद पर भरी 'दादा' ने उड़ान, उसी पद पर हुए ज्योतिरादित्य विराजमान! प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मंत्रिमंडल में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने पर अपने आत्मीय @JM_Scindia को स्नेह भरी शुभकामनाएँ। यह मौका है भाई श्रीमन्त माधवराव सिंधिया के सपनों को नई बुलंदी देने का! "

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया को उड्डयन मंत्रालय दिए जाने के पीछे देश में आंतरिक विमानन सेवाओं के विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है की ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में देश में घरेलू विमान सेवाएं और छोटे शहरों के बीच विमान सेवाओं का विस्तार देखने को मिल सकता है।

सिंधिया का राजनीतिक सफर -

साल 2002 में पिता माधवराव सिंधिया की विमान हादसे में मौत के बाद ज्योतिरादित्य ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। पिता की मौत के बाद खाली हुई होना लोकसभा सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे। इसके बाद 2004, 2009, 2014 में इसी सीट से लोकसभा सांसद चुने गए। 2019 में लोकसभा चुनाव हारने और मप्र में कमलनाथ सरकार के कामकाज से नाराज सिंधिया ने पिछले साल 10 मार्च 2019 को भाजपा का दामन थाम लिया था। जिसके बाद भाजपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे।

Similar Posts