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Lead Story
भारतीय हॉकी टीम और बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया
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भारतीय हॉकी टीम और बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया

स्वदेश डेस्क
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29 July 2021 1:03 PM IST

टोक्यो। भारतीय हॉकी टीम ने पूल ए के अपने चौथे मैच में अर्जेंटीना को 3-1 पराजित कर दिया है। दोनों टीमों ने एक दूसरे पर जोरदार हमले किए। पर भारत के खिलाड़ी शुरू से ही चुस्त, जोश से लबरेज और आक्रामक दिखे।

पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई। दोनों टीमें एक दूसरे पर हमला करती रही। आखिरी तीन मिनट में भारतीय ने दो गोल किए।भारत के लिए पहला गोल 43वें मिनट में वरूण ने पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए किया। अपना पहला ओलंपिक खेल रहे वरूण ने गोल करने में कोई गलती नहीं की और भारतीय टीम को 1-0 से बढ़त दिला दी। लेकिन अर्जेंटीना टीम की तरफ से 48 वें मिनट में माइको केसेला ने गोल कर टीम को बराबरी पर ला दिया।

खेल के आखिरी मिनटों में भारतीय टीम की ओर से विवेक सागर ने 58वें और हरमनप्रीत सिंह ने 59वें मिनट में गोल दागे और स्कोर 3-1 कर दिया और यही स्कोर निर्णायक साबित हुआ।भारत अपने पूल में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है। भारतीय टीम को 30 जुलाई को अपने आखिरी मैच में जापान से खेलना है।

पीवी सिंधु कवार्टर फाइनल में प्रवेश किया -

भारतीय बैड़मिटन खिलाड़ी पी.वी.सिंधु ने अपनी फॉर्म को जारी रखते हुए क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली। अंतिम -16 के मुकाबले में सिंधु ने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट 21-15,21-13 से शिकस्त दी।सिंधु ने पहला सेट 22 मिनट में 21-15 से जीता, दूसरे सेट में सिंधु ने मिया को 21-13 से मात दी। सिंधु ने रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक में भी उनसे पदक की उम्मीद की जा रही है। अब क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला दुनिया की पाँचवें नंबर की खिलाड़ी जापान की अकाने यामागुची से होगा।

अतानु दास का अगले दौर में प्रवेश -

भारत के स्टार तीरंदाज अतानु दास ने रोमांचक मुकाबले में दक्षिण कोरिया के जिन्येक को शूट आउट में 6-5 से हराया।अतानु दास पहला सेट हार गए थे। पहले सेट में उन्होंने 8,8,9 का स्कोर किया उनके कुल अंक 25 रहे,जबकि जिन्येक ओह ने 8,9,9 का स्कोर किया। उनका कुल स्कोर 26 का रहा।शूटआउट में अतानु ने अपने पूरे अनुभव को झोंक दिया और कोरियाई खिलाड़ी जिन्येक को 6-5 से रोमांचक मुकाबले में हरा दिया और भारत की पदक की उम्मीदे भी जिंदा रखीं।


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