< Back
Lead Story
अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर उग्र हुए किसान, बैरिकेड तोड़े और पुलिस पर किया पथराव
Lead Story

अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर उग्र हुए किसान, बैरिकेड तोड़े और पुलिस पर किया पथराव

Swadesh Digital
|
26 Nov 2020 12:36 PM IST

नई दिल्ली। नए किसान बिलों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के किसान 26 से 28 नवंबर तक 'दिल्ली मार्च' निकाल रहे हैं। पंजाब से सटे हरियाणा बॉर्डर पर गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पथराव किया।

बता दें कि पंजाब के शंभू बॉर्डर की तरफ से दिल्ली जा रहे किसान प्रदर्शनकारियों ने जहां पुलिस बैरिकेड उठाकर नदी में फेंक दिए, वहीं सड़क पर लगे डिवाइडरों को भी नुकसान पहुंचाया और पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे। नए कृषि बिल के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं।

पुलिस के अनुमान के मुताबिक दोनों राज्यों के लगभग 3 लाख किसान 'दिल्ली चलो' आंदोलन के तहत दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार हैं। ये किसान 33 संगठनों से जुड़े किसान संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है। यह 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।

हरियाणा में भाजपा सरकार ने कहा था कि वह किसानों के दिल्ली की ओर जुलूस निकालने के मद्देनजर 26 और 27 नवम्बर को पंजाब से लगी अपनी सीमाओं को बंद कर देगी।

वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़े करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं हरियाणा में प्रवेश करने से रोके गए किसान संगठनों के नेताओं ने घोषणा की है कि वे एक सप्ताह के लिए बठिंडा और सिरसा जिलों के बीच डबवाली बैरियर पर 'धरना' देंगे। बीकेयू (उग्राहन) के अध्यक्ष जोगिंदर उग्राहन ने कहा, "अगर हमें गुरुवार को हरियाणा और दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो हम एक हफ्ते तक सीमाओं पर विरोध करेंगे।" दिल्ली पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा है क्योंकि उनके पास शहर में विरोध करने की अनुमति नहीं है।

Similar Posts