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Lead Story
Forest Department Employees Beat Tribals

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Tribals Beaten in Shivpuri: वन विभाग के कर्मचारियों ने आदिवासियों को लाठियों से पीटा, कांग्रेस बोली- जल जंगल ज़मीन पर इनका पहला हक़

Deeksha Mehra
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16 Oct 2024 3:39 PM IST

Forest Department Employees Beat Tribals : मध्य प्रदेश। शिवपुरी जिले में वन विभाग की टीम ने आदिवासियों को लाठियों से पीटा है। इस मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोहन सरकार से कहा कि, जल जंगल ज़मीन पर असिवासियों का पहला हक़ है क्या आप इस सिद्धांत को नहीं मानते? मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) से जानना चाहता हूँ कि क्या प्रदेश में आदिवासियों पर ऐसे ही अत्याचार होते रहेंगे?

ये है पूरा मामला

दरअसल, शिवपुरी के मोरई गांव की वनभूमि पर सालों से कई आदिवासी परिवार झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। 15 अक्टूबर को कुछ वन कर्मचारी वहां आए और आदिवासियों को जगह खाली करने को कहने लगे। इस दौरान आदिवासियों ने वन कर्मियों से जगह खाली करने से इंकार कर दिया हैं। इस पर दोनों के बीच झड़प हो गई। वन विभाग की टीम ने आदिवासी लोगों पर लाठियां भांजी तो आदिवासियों ने भी जवाब में पथराव कर दिया। बताया जा रहा है कि कार्यवाहक वनपाल गिरीश नामदेव वर्दी फट गई, जबकि बीट गार्ड रामचरण केवट और दिनेश सहरिया घायल हो गए।

बड़े अफसर ने महिला को बाल पकड़कर पीटा

घटना के बाद आदिवासी महिलाओं ने कोलारस थाने में मारपीट की शिकायत दर्ज कराई। आदिवासी महिलाओं ने बताया कि वनकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने मिलकर महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट की है। सभी परिवार जगह खाली करने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने झोपड़ी हटाने के लिए थोड़ा समय मांगा था। जिस पर वनकर्मियों ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया। महिला आदिवासी ने शिकायत में बताया कि, बड़े अफसर ने बाल पकड़कर ल्हीछा और लात मारी। इसमें हाथ टूट गया।

सभी पीड़ितों को सहायता दें मोहन सरकार

कमलनाथ ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर आदिवासियों को पीटने का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि शिवपुरी के मोरई गांव में करीब 8 आदिवासी परिवारों पर वन विभाग के अमले ने लाठियाँ भांजीं। इस अत्याचार के पीछे अतिक्रमण हटाने का बहाना बनाया गया। उन्होंने आगे कहा,मैं मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav से जानना चाहता हूँ कि क्या प्रदेश में आदिवासियों पर ऐसे ही अत्याचार होते रहेंगे? क्या आपकी सरकार ने झोपड़ी में रह रहे आदिवासियों की आवास और आजीविका की व्यवस्था कर दी है? क्या आदिवासियों पर जुल्म ढा कर आप आदिवासियों का हित कर रहे हैं। कृपया सभी पीड़ितों को समुचित सहायता दें।

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