< Back
Lead Story
ब्लैक और व्हाइट के बाद अब येलो फंगस बना  नया संकट, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
Lead Story

ब्लैक और व्हाइट के बाद अब येलो फंगस बना नया संकट, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

स्वदेश डेस्क
|
24 May 2021 5:34 PM IST

नईदिल्ली। देश में जारी कोरोना, ब्लैक और वाइट फंगस महामारी के बीच गाजियाबाद में येलो फंगस का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है ये फंगस पूर्व में मिले दोनों फंगस से कई गुना अधिक घातक है। ईएनटी सर्जन बृज पाल त्यागी के अस्पताल में पहला मरीज मिला है। जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है 45 वर्षीय मरीज को पहले कोरोना संक्रमण हुआ था और वह डायबिटीज से ग्रसित है।

विशेषज्ञों का कहना है की येलो फंगस एक घातक बीमारी है क्योंकि यह आंतरिक रूप से शुरू होती है और इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी भी लक्षण को देखते ही चिकित्सा उपचार की तलाश करें।येलो फंगस के लिए एकमात्र उपचार एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन है, जो एक व्यापक स्पेक्ट्रम एंटिफंगल दवा है। ये संक्रमण मुख्य रूप से खराब स्वच्छता के कारण होता है। इससे बचाव के लिए आवशयक है की सभी अपने घर के आस-पास को गंदगी एकत्र ना होने दें। जितना हो सके घर और आसपास सफाई रखें। बैक्टीरिया और फंगस के विकास को रोकने में मदद करने के लिए जितनी जल्दी हो सके पुराने खाद्य पदार्थों को घर से हटा दें। क्योकि पुराने खाद्य पदार्थों में फंगस आने का खतरा अधिक है।

नमी ना बढ़ने दें -

घर की नमी भी महत्वपूर्ण है इसलिए इसे हर समय मापना चाहिए क्योंकि बहुत अधिक नमी बैक्टीरिया और फंगस के विकास को बढ़ावा दे सकती है। आर्द्रता का सही स्तर 30% से 40% है। विशेष रूप से, बहुत अधिक नमी होने की तुलना में कम आर्द्रता से निपटना आसान है।

येलो फंगस के लक्षण -

  • अंगों का सुन्न होना।
  • नाक बंद होना।
  • शरीर में टूटन और दर्द होना।
  • अत्यधिक कमजोरी महसूस होना।
  • दिल की धड़कन तेज होना।
  • घावों से मवाद बहना।
  • शरीर कुपोषित सा दिखने लगना
Similar Posts