< Back
Lead Story
फंदे से लटका मिला दो लड़कियों का शव, जन्माष्टमी के मेले में शामिल होने निकलीं थी

Farrukhabad : फंदे से लटका मिला दो लड़कियों का शव

Lead Story

Farrukhabad: फंदे से लटका मिला दो लड़कियों का शव, जन्माष्टमी के मेले में शामिल होने निकलीं थी

Gurjeet Kaur
|
27 Aug 2024 12:45 PM IST

Farrukhabad : फर्रूखाबाद, उत्तरप्रदेश। फर्रूखाबाद में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां दो लड़कियों का शव फंदे पर लटका मिला है। दोनों लड़कियां जन्माष्टमी का मेला देखने घर से निकली थीं। पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही है। वहीं मृतकों के परिजन लड़कियों की मौत के बाद सदमे में हैं। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

फर्रूखाबाद में आम के बाग में 2 लड़कियों का शव एक ही दुपट्टे से फंदे पर लटका मिला है। इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। यह घटना कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के भगौतीपुर गांव की है। दोनों सोमवार शाम घर से निकलीं थी। देर रात तक घर नहीं लौंटीं तो परिजनों ने दोनों की तलाश शुरू कर दी। मंगलवार सुबह आम के बाग में दोनों का शव देख ग्रामीणों ने परिजनों और पुलिस को सूचना दी।

फर्रुखाबाद के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि, "आज हमें कायमगंज के भगौतीपुर गांव से सूचना मिली कि, दो लड़कियां (उम्र 18 और 15 साल) एक पेड़ पर लटकी हुई हैं। पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि दोनों करीबी दोस्त थीं। दोनों ने एक ही दुपट्टे से फांसी लगा ली। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि लड़कियों ने खुद ही ऐसा किया है लेकिन, पोस्टमॉर्टम के बाद चीजें साफ हो जाएंगी। हमने मौके से एक फोन और सिम बरामद किया है। मामले की जांच की जा रही है। यह पता लगाने के लिए कि इस घटना का कारण क्या है।"बता दें कि, पुलिस को जो फ़ोन और सिम मिला है वह लड़कियों के ममेरे भाई का है।

परिजनों को हत्या की आशंका :

मृतकों में से एक के पिता रामबीर कहते हैं, "मुझे लगता है कि दोनों की हत्या कर उन्हें फंदे से लटका दिया गया है। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है...पोस्टमार्टम के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।"

इस मामले में अखिलेश यादव ने कहा कि, 'उप्र के फ़र्रूख़ाबाद में जन्माष्टमी उत्सव देखने निकली दो बच्चियों की लाशें पेड़ पर लटकी मिलना, एक बेहद संवेदनशील घटना है। भाजपा सरकार इस मामले में तत्काल निष्पक्ष जाँच करे और हत्या के इस संदिग्ध मामले में अपनी आख्या प्रस्तुत करे। ऐसी घटनाओं से समाज में एक भयावह वातावरण बनता है, जो नारी समाज को मानसिक रूप से बहुत गहरा आघात पहुँचाता है। ‘महिला सुरक्षा’ को राजनीति से ऊपर उठकर एक गंभीर मुद्दे के रूप में उठाने का अपरिहार्य समय आ गया है।'

Similar Posts